12 से 29 दिसम्बर तक आयोजित की जाएंगी ग्राम पंचायत स्तरीय किसान पाठशालाएं
लखनऊ प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे रबी सत्र 2025-26 के लिए आयोजित की जाने वाली किसान पाठशालाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें तथा कृषि क्षेत्र में हो रहे नवाचार को अपनाकर मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए कम लागत में अधिक लाभ कमाएं।प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार कृषि विभाग द्वारा रबी सत्र 2025-26 में ग्राम पंचायत स्तरीय गोष्ठी/किसान पाठशालाओं के आयोजन के सम्बन्ध में समस्त जनपदीय उप कृषि निदेशकों को निर्देश जारी किए गए हैं। इन गोष्ठियों/पाठशालाओं का आयोजन गत वर्ष 2024-25 की भाँति ही योजनाओं के कन्वर्जन्स से प्रस्तावित है, जिसमें आर०के०वी०वाई० (द मिलियन फार्मर्स स्कूल), दलहन विकास की नवीन योजना तथा तिलहन विकास की राज्य पोषित योजना के प्रसार सम्बन्धी मदों का उपयोग किया जाएगा।इस प्रस्तावित कार्यक्रम के अंतर्गत, सबसे पहले मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 08 दिसम्बर, 2025 को सुबह 10ः30 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक आयोजित होगा। इसके बाद, जनपद स्तरीय ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम 09 से 10 दिसम्बर, 2025 के मध्य होगा, और ट्रेनर्स मूल्यांकन कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 11 दिसम्बर, 2025 को सुबह 11ः00 बजे से दोपहर 2ः00 बजे तक चलेगा। ग्राम पंचायत स्तर पर दो दिवसीय गोष्ठियों/पाठशालाओं का शुभारम्भ 12 दिसम्बर, 2025 को होगा। ग्राम पंचायत स्तरीय गोष्ठियों/पाठशालाओं का आयोजन 12 दिसम्बर से 29 दिसम्बर, 2025 की अवधि में अपराह्न 2ः00 बजे से सायं 5ः00 बजे तक किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्राथमिकता के आधार पर पैक्स सोसायटी, किसान कल्याण केन्द्र, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं प्राथमिक विद्यालयों का चयन करने का निर्देश दिया गया है। इन गोष्ठियों में प्रति ग्राम पंचायत स्तरीय गोष्ठी/किसान पाठशाला में 80 से 100 कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी।आयोजन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों में रबी-2025-26 की कार्य योजना को दिए गए भौतिक लक्ष्यों के अनुसार तैयार कर मुख्यालय को 08-12-2025 तक उपलब्ध कराना शामिल है। प्रत्येक विकास खण्ड में सर्वाधिक क्षेत्राच्छादन वाली चार प्रमुख फसलों का चयन किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों की सर्वाधिक उत्पादकता प्राप्त करने वाले 5 प्रगतिशील कृषकों/कृषि सखियों का चयन किया जाएगा, जिनमें से नामित 02 प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रथम और द्वितीय दिवस में पहले आधा घंटा उद्बोधन कराया जाएगा। गोष्ठियों/पाठशालाओं में जन-प्रतिनिधियों और एफपीओ के सदस्यों की प्रतिभागिता सुनिश्चित कराने और उपलब्धतानुसार एफपीओ के अध्यक्ष/सदस्य से वार्ता कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस कार्यक्रम में स्थानीय परिस्थितियों तथा एग्रीक्लाइमेटिक ज़ोन के अनुसार प्रमुख विषयों व फसलों के सम्बन्ध में कृषकों को जागरूक करना, क्षमता निर्माण करना, तथा आवश्यकतानुसार अन्य विषयों जैसे दलहन, तिलहन, जायद, मक्का, उर्द, बाजरा, मूंग की खेती आदि विषयों को सम्मिलित किया जाना है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतियोगिता आयोजित करायी जाएगी और पुरस्कार हेतु अनुमन्य धनराशि 500 रुपए प्रति गोष्ठी/पाठशाला से जैव कीटनाशी, कवकनाशी एवं शाकभाजी के बीजों को पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। गोष्ठी आयोजन के उपरान्त फोटोग्राफ्स, कृषकों की उपस्थिति और उद्बोधन कराने वाले कृषकों का विवरण विभागीय पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा, क्योंकि वास्तविक आयोजन की समीक्षा पोर्टल पर अपलोड प्रगति से ही की जाएगी। कार्यक्रम के समापनोपरांत, प्रतिभागियों की सूचना संलग्न प्रारूप पर उपलब्ध करायी जानी है।

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