सुरक्षा बलों ने 1500 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की
दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा बलों ने 1500 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है।जो गद्दार हैं उनके लिए अब सिर्फ एक ही रास्ता बचा है।जेल या जन्नत… जी हां दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां घर में छिपे गद्दारों पर टूट पड़ी हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस NIA, IB और सेना की इंटेलिजेंस यूनिट्स मिलकर ऐसे लोगों को दबोच रही हैं। जिन्होंने भारत के खिलाफ एक भी शब्द बोला हो। जो देश को खोखला करने की साजिश रच रहे हों।घाटी में तूफानी कार्रवाई चल रही है।सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों ने एक साथ 1500 से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। सबसे ज्यादा कार्रवाई कुलगाम, अनंतनाग, शोपियां, सोपोर और गांदरबल जिलों में हुई. एजेंसियों ने यहां से जमात-ए-इस्लामी और उससे जुड़े लोगों के घरों, दफ्तरों, मदरसों और अन्य परिसरों पर एक साथ दबिश दी।कुलगाम में तो पुलिस ने अकेले ही 200 से ज्यादा लोकेशनों पर छापे मारे। जिन घरों में कभी जेहाद के लिए चंदे जुटते थे। वहां अब पुलिस ने दस्तक दी है। चार दिनों में कुलगाम में 400 से अधिक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशंस किए गए। पुराने आतंकी ठिकाने ओवर ग्राउंड वर्करों के घर और मुठभेड़ों से जुड़े इलाके खंगाले जा चुके हैं।दिल्ली धमाके के मुख्य आरोपी डॉ. उमर के कई सहयोगी दबोचे जा चुके हैं।एजेंसियां मान रही कि यह गिरोह किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। जिसे वक्त रहते नाकाम कर दिया गया।सोपोर में भी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने 25 से अधिक जगहों पर एकसाथ छापे मारे।जैंगीर और रफियाबाद इलाकों में दबिश दी गई। ये वही इलाके हैं जहां से पहले भी आतंकियों को मदद मिलती रही है। पुलिस ने बताया कि कुछ पुराने जमात के कार्यकर्ता अब नए नामों से NGO, ट्रस्ट या शैक्षणिक संस्थान चला रहे थे।जिनका असली मकसद युवाओं को फिर से कट्टरपंथ की ओर मोड़ना था।छापों के दौरान बड़ी मात्रा में भड़काऊ भाषणों की रिकॉर्डिंग डिजिटल गैजेट दस्तावेज किताबें और पर्चे बरामद हुए हैं। कई लोगों से पूछताछ जारी है। एजेंसियां मान रही हैं कि गजवा-ए-हिंद और इस्लामिक स्टेट जैसे खतरनाक विचारों को फिर से जिंदा करने की कोशिशें चल रही थीं।जिन लोगों को उठाया गया है उनमें शिक्षक, डॉक्टर और अफसर भी शामिल बताए जा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक पिछले एक साल में कुछ मौलवियों और प्रवचकों ने गजवा-ए-हिंद और इस्लामिक स्टेट जैसे विचारों पर खुलकर भाषण दिए थे। दिल्ली धमाके के बाद इन सभी को क्लोज़ सर्विलांस पर रखा गया है। एजेंसियों को शक है कि इन्हीं भाषणों से युवाओं में नफरत और हिंसा का जहर भरा गया। जो धीरे-धीरे आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बन गए।दिल्ली धमाके के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट संदेश दिया है। घर में छिपे गद्दार अब नहीं बचेंगे। राज्य पुलिस, NIA, IB, CRPF और आर्मी इंटेलिजेंस ने साझा ऑपरेशन की रणनीति बनाई है।जहां भी संदिग्ध गतिविधियों की भनक मिली वहां टीम तुरंत रवाना हो रही है। हर जिले में निगरानी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं।ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और ह्यूमन इंटेलिजेंस तीनों को मिलाकर जाल बिछाया गया है। दिल्ली धमाके के बाद लोग खुलकर कह रहे हैं कि अब कार्रवाई का वक्त है। कई इलाकों में लोग खुद पुलिस को सूचनाएं दे रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर, जमात-ए-इस्लामी के कट्टर समर्थकों में भारी दहशत है।कई संदिग्ध घर छोड़कर भाग गए हैं कुछ ने तो मोबाइल बंद कर दिए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं