रिश्वतखोरी के आरोपों में फंसे गोंडा BSA पर गिरी गाज
गोंडा जिले से बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी को फर्नीचर सप्लाई के टेंडर देने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। संयुक्त सचिव वेद प्रकाश राय ने निलंबन आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई गोरखपुर एंटी करप्शन कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमे के बाद की गई।प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब एक फर्नीचर सप्लाई करने वाली कंपनी के मालिक ने BSA कार्यालय पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की। आरोप है कि BSA अतुल तिवारी ने जिले के 500 से अधिक स्कूलों में फर्नीचर की आपूर्ति के टेंडर के बदले सप्लायर से सवा 2 करोड़ रुपए मांगे।एडवांस के तौर पर 10 लाख रुपये की रिश्वत भी ले ली। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की बजाय वेंडर के स्पेशल कैटलॉग पर ही बिड प्रकाशित कराई गई। जिससे अन्य कंपनियों को अवसर ही नहीं मिला।शिकायतकर्ता ने बताया कि टेंडर मिलने के लिए रिश्वत की मांग की गई।लेकिन जब उन्होंने इनकार किया तो उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी गई।इस मामले में 2 जिला समन्वयक भी नामजद हैं। जिन पर सिंडिकेट चलाने का आरोप है। गोरखपुर की विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने इन आरोपों को गंभीर बताते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह कोई सामान्य अनियमितता नहीं। बल्कि संगठित भ्रष्टाचार का मामला है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सख्ती दोहराते हुए BSA अतुल तिवारी को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया। संयुक्त सचिव वेद प्रकाश राय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक अधिकारी विभागीय जांच के दायरे में रहेंगे।

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