सीएम योगी ने कहा कि जब आप पेड़ लगा नहीं सकते तो आपको उन्हें काटने का भी कोई अधिकार नहीं
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर पर्यावरण और पारिस्थितिकी को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा आज का विकास मॉडल हमारे लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। तकनीकी प्रगति जरूरी है लेकिन इसके साथ ही प्राकृतिक तरीकों को अपनाना भी अनिवार्य है।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम जिस तरह से विकास कर रहे हैं। वह प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है।जिसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। आज जंगली जानवर बिना किसी कारण हिंसक नहीं हो रहे। उनके हिंसक होने के पीछे पर्यावरणीय असंतुलन और मानव अतिक्रमण जैसे कारण हैं। जिन पर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। मुख्यमंत्री योगी ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा पता नहीं किस बुद्धिमान ने देशी आम, जामुन जैसे जीवनदायी पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब आप पेड़ लगा नहीं सकते तो आपको उन्हें काटने का भी कोई अधिकार नहीं है।उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में 210 करोड़ से अधिक पेड़ लगाकर प्रदेश में फॉरेस्ट कवर को बढ़ाया गया है। जो जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।मुख्यमंत्री योगी ने नमामि गंगे योजना की सराहना करते हुए कहा कि इसके कारण कानपुर में गंगा अब अविरल और निर्मल बनी है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। वहीं रामायण का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा जटायु मां जानकी के लिए बलिदान देने वाला पहला पर्यावरण योद्धा था।आज वही जटायु अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। हमें जटायु संरक्षण केंद्र बनाने की नौबत आ गई है। मुख्यमंत्री योगी ने लोगों से आह्वान किया कि सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा हमें सरकार के साथ मिलकर जैव विविधता को बचाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जैव विविधता केवल पर्यावरण का विषय नहीं बल्कि हमारे अस्तित्व से जुड़ा हुआ प्रश्न है। ऐसे में हर नागरिक को इस दिशा में जागरूक और सक्रिय होना चाहिए।
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