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सफाईकर्मी बना 8 करोड़ का मालिक,पुलिस की छानबीन में हुआ खुलासा

 


महीने में आठ हजार रुपये की कमाई करने वाला सफाईकर्मी श्यामजी सरोज देखते ही देखते आठ करोड़ का मालिक बन गया। उसके नाम पर नैनी, सरायइनायत और फूलपुर में करीब आठ करोड़ की जमीन है। पुलिस की छानबीन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।सभी संपत्ति माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ ने अपने गुर्गों के जरिए श्यामजी के नाम पर कई साल पहले खरीदी थी। अब पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश करते हुए कार्रवाई की तैयारी कर रही है। नवाबगंज क्षेत्र के कोराली गांव निवासी श्यामजी सरोज जीटीबी नगर करेली में रहने वाले अतीक, अशरफ के गुर्गे जावेद, कामरान के घर पर साफ-सफाई का काम करता था।आरोप है कि इसी दौरान अतीक के गुर्गों ने उसके नाम पर जमीन लिखवाना शुरू किया। इसके बाद उसका अपहरण कर, बंधक बनाने के बाद पीटते थे और उससे जबरन हस्ताक्षर करवाकर दूसरों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाते थे। अतीक, अशरफ की मौत के बाद भी बेनामी संपत्ति न बेचने पर उसे बंधक बनाकर पीटा गया था।पीड़ित की तहरीर पर जावेद खान उसके भाई कामरान अहमद व फराज अहमद, शुक्लाजी सहित कई के खिलाफ अतरसुइया पुलिस ने मुकदमा कायम किया। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो श्याम जी के नाम पर आठ करोड़ की प्रॉपर्टी का पता चला है।पुलिस की जांच में यह तत्व प्रकाश में आया है कि जावेद और कामरान अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मोहरा बनाते थे। दोनों भाई अनुसूचित जाति के व्यक्ति को जाल में फंसाकर उसके नाम से बैंक में खाता खुलवाते थे।लेकिन उसमें मोबाइल नंबर अपना डलवाते थे और सभी कागजात अपने पास रखते थे।जांच में जुटी पुलिस को यह भी पता चला है कि जीटीबी नगर करेली निवासी जावेद वर्ष 2007 में दर्ज हुए एक मुकदमे में माफिया अशरफ के साथ अभियुक्त भी रहा है। होटल से संबंधित कई कागजात पुलिस को अतीक के गुर्गों के नौकर के पास से मिले हैं।पुलिस का कहना है कि श्यामजी सरोज के नाम पर आइसीआइसीआइ बैंक में खाता खुलवाया गया था। इसके बाद दोनों भाई खाली चेक अपने पास रख लेते थे। उन चेकों में वह अमाउंट भरकर दूसरों को देते थे और चेक बाउंस होने पर लीगल नोटिस भेजवाकर मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी भी देते थे। ऐसा करने से वह से बाहर नहीं निकल पा रहा था।

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