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सुलतानपुर में 6 वर्ष के मासूम से अप्राकृतिक दुराचार के बाद की थी हत्या, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा


सुलतानपुर स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित सादीपुर के रहने वाले दोषी मुखलाल वर्मा को कठोरतम उम्र-कैद व 80 हजार रुपये अर्थदंड की सुनाई सजा। करीब सवा चार वर्ष पूर्व अपने मौसा के यहाँ पढ़ने के लिए आये 6 वर्षीय मासूम को खेलते वक्त उठा ले जाकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म व साक्ष्य मिटाने की नीयत से हत्या की वारदात को मुखलाल के जरिये दिया गया था अंजाम। कुड़वार थाना अंतर्गत लम्भुई तालाब में मिली थी लाश,कूरेभार थाना क्षेत्र का रहने वाला था मासूम। पिता के कमर में चोट लगने की वजह से पढ़ाई के लिए बच्चे को भेजा था रिश्तेदारी,जहां हो गई इतनी बड़ी वारदात। मासूम को हबस का शिकार बनाने वाले दरिंदे की अब जेल में कटेगी जिंदगी। अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी ने की थी पैरवी।ट्यूशन जा रही छात्रा के रोजाना पीछे पड़ -पड़कर पहले दोस्ती के लिए मजबूर कर देने,फिर दोस्ती की आड़ में रेस्टोरेंट ले जाने व उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसकी अश्लील फोटो व वीडियो बनाकर कई वर्षों तक यौन शोषण करने एवं उसकी शादी हो जाने के बाद सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने समेत अन्य गम्भीर आरोपो से जुड़े मामलों में दोषी सहदेव साहू उर्फ देवा को मिली सात वर्ष के कठोर कारावास व आईटी एक्ट में 2.30 लाख रुपये अर्थदंड की सजा। दोषी सहदेव की हरकत से आजिज आकर ससुराल में रह रही पीडिता ने अखण्डनगर थाने में 15 अगस्त 2019 को दर्ज कराया था मुकदमा। दिल्ली के ब्रम्हपुरी कालोनी-नगलोई नजफगढ़ का रहने वाला था सहदेव साहू,पहले दिल्ली में रहती थी पीड़िता। दिल्ली से ही सहदेव पर चढ़ा था इश्कबाजी व हबस का भूत,गलत करनी के चलते सुलतानपुर में पहुँचा सलाखों के पीछे,अब आया दिमाग ठिकाने। विशेष लोक अभियोजक विवेक कुमार सिंह ने अभियोजन पक्ष से की थी पैरवी।स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने करीब ढाई वर्ष पूर्व हुए किशोरी से दुष्कर्म मामले में कुड़वार थाना क्षेत्र के डोमनपुर निवासी रंजीत को सुनाई है 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा।इसी अदालत ने किशोरी से छेड़खनी सहित अन्य आरोपो में रामगंज थाना क्षेत्र के नरायनपुर-अग्रेसर निवासी दोषी ओमप्रकाश कोरी उर्फ भुल्लुर को दोषी करार देते हुए सुनाई तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा।

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