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प्रधानमंत्री ने बच्चों को वर्चुअली सम्मानित किया

 


नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'  का वितरण किया। उन्होंने बच्चों को डिजिटल सर्टिफिकेट और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए पुरस्कार राशि सौंपी।इन पुरस्कारों के लिए देशभर से 61 बच्चों काे चुना गया था। इसमें 32 बच्चों को पिछले साल के लिए और 29 बच्चों को इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022 के लिए चुना गया। इस मौके पर उन्होंने विजेताओं से बातचीत भी की।बाल पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हैं। हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से इस बार समारोह को वर्चुअली आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी जुड़े हैं।बच्चों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा- आप सबको इन पुरस्कारों के लिए बधाई। आज नेशनल गर्ल चाइल्ड डे भी है। मैं देश की सभी बेटियों को भी बधाई देता हूं। शुभकामनाएं देता हूं। आपके माता-पिता और टीचर्स को भी विशेष बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आज़ादी की लड़ाई में वीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस, रानी गाइडिनिल्यू जैसे वीरों का ऐसा इतिहास है जो हमें गर्व से भर देता है।इन सेनानियों ने छोटी सी उम्र में ही देश की आज़ादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था, उसके लिए खुद समर्पित कर दिया था।पिछले साल दीवाली पर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गया था।वहां मेरी मुलाकात बलदेव सिंह और बसंत सिंह नाम के ऐसे वीरों से हुई जिन्होंने आज़ादी के बाद हुए युद्ध में बाल सैनिक की भूमिका निभाई थी।उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए उतनी कम उम्र में अपनी सेना की मदद की थी।कल दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गई है।नेताजी से हमें सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है- कर्तव्य की, राष्ट्रप्रथम की।नेताजी से प्रेरणा लेकर आपको देश के लिए अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बेटियों को पहले इजाजत भी नहीं होती थी, बेटियाँ आज उनमें कमाल कर रही हैं।यही तो वो नया भारत है, जो नया करने से पीछे नहीं रहता, हिम्मत और हौसला आज भारत की पहचान है। भारत के बच्चों ने, अभी वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी अपनी आधुनिक और वैज्ञानिक सोच का परिचय दिया है।3 जनवरी के बाद से सिर्फ 20 दिनों में ही चार करोड़ से ज्यादा बच्चों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है।स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय भी मैं भारत के बच्चों को देता हूं।आप लोगों ने घर-घर में बाल सैनिक बनकर, अपने परिवार को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित किया।इसके बाद घर के लोगों से आग्रह करें कि भविष्य में जब वैसा ही कोई Product खरीदा जाए तो वो भारत में बना हो।जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही आप वोकल फॉर लोकल अभियान के लिए भी आगे आइए।आप घर में गितनी करें, लिस्ट बनाएं कि ऐसे कितने Products हैं, जो भारत में नहीं बने हैं, विदेशी हैं।

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