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प्रधानमंत्री ने कहा सेना ही मेरा परिवार

 


नई दिल्ली  हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दिवाली सुरक्षाबलों के साथ ही मना रहे हैं। प्रधानमंत्री आज राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने सैनिकों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और उन्हें मिठाई भी खिलाई। इस दौरान जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यहां देश के 130 करोड़ लोगों की दुआ लेकर आया हूं।मोदी ने कहा, "मैं यहां प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के तौर पर आया हूं। आपका जो भाव अपने परिवार में जाकर होता है, वही मुझे अनुभव हो रहा है। मैंने हर दिवाली सीमा पर तैनात आप लोगों के बीच मनाने का संकल्प लिया। आज मैं यहां से नई उमंग और नया विश्वास लेकर जाऊंगा। आज शाम हिंदुस्तान का हर नागरिक दिवाली पर एक दीया आपके पराक्रम, शौर्य, त्याग और तपस्या के नाम लगाएंगे प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको जो सौभाग्य मां की सेवा का मिला है, आपके चेहरे के उन मजबूत भाव को देख रहा हूं। आपका यही संकल्प पराक्रम करने की पराकाष्ठा, हिमालय हो, गहरी खाई हो, ऊंची चोटियां हों... वहां आप मां भारती का जीता जागता कवच हैं। आपके सामर्थ्य से देश में एक निश्चिंतता होती है। आपके पराक्रम की वजह से हमारे पर्वों में चार-चांद लग जाते हैं। दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा, छठ पूजा की भी आप सभी देशवासियों को शुभकानाएं देता हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं नौशेरा की धरती पर उतरा तो एक अलग ही रोमांच से मेरा मन भर गया। यहां का वर्तमान आप जैसे वीर जवानों के साहस का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नौशेरा के शेरों ने हमेशा दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। हर साजिश को नाकाम किया है। सर्जिकल स्ट्राइक में नौशेरा की अहम भूमिका रही है। जवानों ने नौशेरा की धरती पर वीरता की कई गाथाएं लिखी हैं।मोदी ने कहा कि नारी शक्ति को और ज्यादा मजबूत किया जा रहा है। नेवी और एयरफोर्स में अग्रिम मोर्चे पर तैनाती के बाद आर्मी में भी महिला शक्ति का विस्तार हो रहा है। बेटियों के लिए कई मिलिट्री संस्थानों के दरवाजे खोले गए हैं। देश की बेटियां डिफेंस में अपना योगदान के लिए उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,आपके लिए सेना में आना कोई नौकरी नहीं है। बल्कि यह साधना है। आप मां भारती की साधना कर रहे हैं। हमें अपनी जन्मभूमि के लिए ही जीना है। हमारी उदार भावना हमें दूसरों से अलग बनाती हैं। भारत पहले भी अमर था, आज भी अमर है और हजारों साल बाद भी अमर रहेगा।

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