पंचायत चुनाव में मिले NOTA का विकल्प, हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका
लखनऊ यूपी में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को और पारदर्शी व मतदाता-अनुकूल बनाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मुख्य रूप से दो बड़ी मांगें उठाई गई हैं।पहला तो यह कि पंचायत चुनावों में बैलेट पेपर पर नोटा का विकल्प अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। इसके अलावा हर उम्मीदवार के चुनाव चिह्न के साथ उसका पूरा नाम स्पष्ट रूप से छपा हो ताकि अशिक्षित एवं ग्रामीण मतदाताओं को किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे.याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्तमान में पंचायत चुनावों में केवल चुनाव चिह्न ही छपता है।जिससे कई बार एक ही चिह्न वाले अलग-अलग उम्मीदवारों में मतदाता भ्रमित हो जाते हैं। साथ ही, लोकसभा-विधानसभा चुनावों की तरह पंचायत चुनावों में भी मतदाताओं को असंतोष जाहिर करने के लिए नोटा का अधिकार मिलना चाहिए।यह जनहित याचिका शुक्रवार जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया है कि पंचायत चुनाव लोकतंत्र की जड़ हैं और इनमें मतदाता का मूल्य सर्वोच्च होना चाहिए। नोटा का प्रावधान न केवल मतदाताओं को नकारात्मक वोट देने का अधिकार देगा।बल्कि उम्मीदवारों की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग और उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में पक्ष रखना है। कोर्ट आज ही इस याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई कर आगे की तारीख तय कर सकता है या कोई अंतरिम निर्देश भी जारी कर सकता है।बता दें कि 2026 पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं और यदि कोर्ट इस याचिका पर कोई सकारात्मक फैसला देता है तो प्रदेश के लाखों मतदाताओं के लिए यह बड़ा बदलाव होगा।

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