पंचायत और विधानसभा चुनाव से पहले एस आई आर
लखनऊ उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोग तैयार हो जाएं। बिहार के बाद अब जल्द ही उत्तर प्रदेश में भी विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। प्रदेश में पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया जाएगा। इस संबंध में लखनऊ में राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक की और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया। उत्तर प्रदेश में इससे पहले साल 2003 में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया हुआ था और अब 22 साल बाद चुनाव से पहले ये प्रक्रिया शुरू होने जा रही हैं। एसआईआर के दौरान साल 2003 की वोटर लिस्ट से मौजूदा वोटर लिस्ट का मिलान होगा। जानकारी के मुताबिक जिन मतदाताओं का नाम दोनों लिस्ट में होंगे यानी जिनका नाम 2003 और वर्तमान वोटर लिस्ट इन दोनों में होगा उन्हें कोई डॉक्यूमेंट नहीं देना पड़ेगा। लेकिन मतदाताओं के नाम पुरानी लिस्ट में जुड़े हैं और उनके बच्चों के नाम बाद में जोड़े गए हैं तो इसके लिए अपने दस्तावेज जमा करने पड़ेंगे। इसके साथ ही अगर किसी मतदाता का नाम सूची से काटा जाएगा तो भी उसके अभिलेख सुरक्षित रखे जाएंगे। उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया कब से शुरू होगी। इसकी तिथि का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। लेकिन ये है कि जल्द प्रदेश में एसआईआर होगा। सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को ट्रेनिंग दी। इस प्रशिक्षण के दौरान संबंधित विधिक प्राविधानों, ईआरओ नेट, बीएलओ ऐप, एनजीएसपी पोर्टल एवं विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण की प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई।इस अवसर पर नवदीप रिणवा ने कहा कि हर पात्र नागरिक का नाम निर्वाचक नामावली में दर्ज हो यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। निर्वाचक नामावली को त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाये जाने के साथ ही समावेशी पंजीकरण सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त ईआरओ अपने-अपने विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में BLO और सुपरवाइजरों को भी छोटे-छोटे समूहों में प्रशिक्षित करें। ताकि प्रत्येक स्तर पर प्रक्रिया की गुणवत्ता बनी रहे। 18-19 आयु वर्ग के युवाओं को भी विशेष अभियान चलाकर निर्वाचक नामावली में शामिल किया जाए।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि BLO द्वारा घर-घर जाकर गणना-प्रपत्र वितरित करने। भरने में सहयोग करने/एकत्रित करने/मतदाता का सत्यापन तथा उसे BLO ऐप पर अपलोड करने की प्रक्रिया से अवगत कराया जाए। जनपद में सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, सुपरवाईजर्स एवं बूथ लेवल अधिकारियों को भी विधिक प्राविधानों एवं निर्वाचक नामावलियों से संबंधित प्रक्रियाओं के संबंध में भी प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिये गये।
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