स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला,पुरानी भर्तियों की भी होगी जांच
लखनऊ स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे टेक्नीशियन नियुक्ति फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद अन्य भर्तियां भी शक के दायरे में आ गई गई हैं। शासन के निर्देश पर वर्ष 2016 में एक्स-रे टेक्नीशियन नियुक्ति फर्जीवाड़े के मामले में 6 FIR कराने के साथ ही 3 सदस्यीय जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच चल रही है।इसी के साथ अन्य पैरामेडिकल भर्तियों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे टेक्नीशियन के अलावा लैब टेक्नीशियन, डार्क रूम असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, ईसीजी टेक्नीशियन आदि की भी नियुक्तियां हुई हैं।अब इनकी जानकारी इकट्ठा करने की कवायद शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती के बाद नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े के मामले में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।6 जिलों के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से इस नियुक्ति के बारे में पूछताछ की जाएगी।इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी पास योगदान देने और स्वास्थ्य महानिदेशालय से उस नियुक्ति की सत्यापन रिपोर्ट भेजने वालों को भी नोटिस दी जा रही है। इस भर्ती के दौरान तैनात महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य निदेशक पैरामेडिकल सेवानिवृत्त हो चुके हैं।कार्यालय अधीक्षक और प्रभारी लिपिक के बारे में प्रशासनिक विभाग से जानकारी मांगी गई है। उन्हें भी नोटिस दी जा रही है।स्वास्थ्य महानिदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि पैरामेडिकल संवर्ग की अन्य नियुक्तियों की जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है।एक्स-रे टेक्नीशियन के बाद अन्य नियुक्तियों की जांच की जाएगी। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव का कहना है कि नियुक्ति में गड़बड़ियों के जो भी मामले सामने आ रहे हैं उसकी जांच कराई जा रही है।जांच में किसी अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत सामने आएगी तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। यदि अन्य भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायत मिली तो उनकी भी जांच होगी। वर्ष 2008 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती के बारे में महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से जानकारी मांगी गई है।
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