UP में वोटर सत्यापन , 29 सितंबर तक होगी प्रक्रिया
लखनऊ उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों से करीब सवा करोड़ मतदाता कम होंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) ने अलग-अलग गांवों में एक से नाम वाले यानी डुप्लीकेट मतदाता चिह्नित करके दे दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बीएलओ को घर-घर भेजकर इन चिह्नित मतदाताओं का भौतिक सत्यापन कराएं। जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में हैं। उन्हें सूची से हटाया जाए। यूपी में अगले साल अप्रैल-मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। वर्तमान में इन चुनावों के लिए करीब 12 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। पूरे प्रदेश में बिहार की तर्ज पर इन मतदाताओं के सत्यापन का काम प्रारंभ हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक AI सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतदाता सूचियों की जांच कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।कहीं एक ही व्यक्ति का सरनेम पहले तो कहीं बाद में करके अलग-अलग ग्राम पंचायतों में उसका नाम दर्ज मिला है। इसी तरह से एक ही व्यक्ति की उम्र और लिंग अलग दर्ज करके यह काम किया गया है। AI ने अलग-अलग मतदाता सूचियों में शामिल व्यक्ति और उसके पिता के नाम के 80 प्रतिशत तक हिस्से का मिलान करते हुए अपनी रिपोर्ट दी है। जहां मतदाता और उसके पिता के नाम में इतनी अधिक मैचिंग है। उन सभी की जांच बीएलओ मौके पर जाकर करेंगे।जांच के दौरान बीएलओ इन चिह्नित मतदाताओं के आधार कार्ड भी देखेंगे। इस सत्यापन के दौरान एक क्षेत्र का बीएलओ, सुपरवाइजर और एसडीएम दूसरे क्षेत्र के अपने समकक्षों से बात भी करेंगे। फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग ग्रामीण क्षेत्रों में ही डुप्लीकेसी वाले नामों पर काम करेगा।आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर डुप्लीकेट नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। डुप्लीकेट मतदाताओं के सत्यापन का काम 29 सितंबर तक पूरा किया जाएगा।
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