प्राइवेट बैंक ने EMI ना देने पर पत्नी को बनाया बंधक
झांसी जिले में एक रपिवटे बैंक की किस्त वसूलने का एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसने सभी को चौंका दिया. जब बैंक की किस्त नहीं जमा हुई तो बैंक ने किस्त के बदले बीवी को ही जमा करवा लिया। लोन की किस्त न चुकाने के आरोप में महिला को 5 घंटे तक बैंक में बैठाया गया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और महिला को मुक्त कराया।प्राइवेट समूह लोन की किस्त न चुकाने पर एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों ने महिला को कथित तौर पर घंटों तक बैंक में बंधक बनाए रखा। मामला तब उजागर हुआ जब महिला के पति ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी।पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को मुक्त कराया। मामला बम्हरौली के आजाद नगर मोहल्ले में स्थित एक प्राइवेट समूह लोन देने वाले बैंक से जुड़ा है।पूंछ थाना क्षेत्र के बाबई रोड के रहने वाले रविंद्र वर्मा ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी पूजा वर्मा को सोमवार दोपहर 12 बजे से बैंक के अंदर जबरन बैठाकर रखा गया। बैंक कर्मचारियों ने साफ कहा कि जब तक पति बकाया लोन की रकम जमा नहीं करेगा। तब तक महिला को छोड़ा नहीं जाएगा। पति ने बताया कि उसने बैंक कर्मचारियों से कई बार गुहार लगाई कि इस समय किस्त भरने में असमर्थ है।लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने कोई बात नहीं सुनी और पैसे का दबाव बनाते रहे। अंत में थक-हारकर पति ने डायल 112 पर सूचना दी.सूचना मिलते ही पीआरवी पुलिस मौके पर पहुंची तो बैंक कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए।बैंक कर्मियों ने तुरंत महिला को बाहर निकाल दिया। पुलिस पूछताछ में बैंक स्टाफ ने दावा किया कि महिला खुद बैंक में बैठी थी और उसका पति किस्त की रकम लाने गया था।बाद में पुलिस ने महिला और उसके पति को कोतवाली मोंठ भेजा और बैंक के कर्मचारियों को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। कोतवाली में महिला पूजा वर्मा ने एक लिखित प्रार्थना पत्र पुलिस को देकर अपनी आपबीती बताई।महिला ने आरोप लगाया कि उसने बैंक से 40,000 रुपये का पर्सनल लोन लिया था।जिसकी मासिक किस्त 2,120 रुपये थी. अब तक वह 11 किस्तें भर चुकी है।लेकिन बैंक में केवल 8 क़िस्त ही दर्शाई जा रही हैं। उसने आरोप लगाया कि बैंक के एजेंट कौशल और धर्मेंद्र ने उसकी तीन किस्तों का पैसा नहीं जमा किया और उसे गबन कर लिया।महिला ने यह भी बताया कि सोमवार को बैंक का सीओ संजय यादव जो मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ का निवासी है।उसके घर पहुंचा और बची हुई रकम जमा करने का दबाव बनाया। जब उसने असमर्थता जताई तो उसे और उसके पति को जबरन बैंक ले आया गया।इसके बाद 5 घंटे तक बैंक में बैठा कर रखा गया।इस मामले पर बैंक मैनेजर अनुज कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि महिला पिछले 7 माह से किस्त जमा नहीं कर रही थी। इसलिए उसे बुलाया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला अपने पति के साथ आई थी और खुद से बैंक में बैठी थी। उसे जबरदस्ती नहीं रोका गया। वहीं इस बाबत पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित महिला ने शिकायती पत्र में जो भी आरोप लगाए हैं उनकी जांच शुरू कर दी गई है।बैंक के कर्मियों का जो भी आरोप है उसकी भी जांच की जा रही है। जांच होने के बाद इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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