UP के ग्राम सहायकों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग अनिवार्य
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ग्राम पंचायतें जितनी ज्यादा आत्मनिर्भर और पारदर्शी होंगी। प्रदेश का विकास उतनी ही तेजी से होगा। मुख्यमंत्री ने यह बातें पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि आज ग्राम सचिवालय का जो मॉडल यूपी में तैयार किया गया है। उसे नीति आयोग ने भी देश भर में अपनाने लायक मॉडल माना है। अब जरूरी है कि गांवों में हो रहे विकास कार्यों में ईमानदारी पारदर्शिता और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो।मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना हो चुकी है। ये सचिवालय गांव के छोटे-छोटे कामों को समय पर निपटाने और योजनाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।अब इन सचिवालयों से सभी भुगतान और योजनाओं से जुड़ा काम पंचायत गेटवे पोर्टल के जरिए किया जाएगा। जिससे पारदर्शिता बनी रहे।मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि हर ग्राम सहायक को 15 दिन की कंप्यूटर ट्रेनिंग दी जाए ताकि वह डिजिटल कामों को आसानी से कर सके।उन्होंने राज्य स्तरीय कॉल सेंटर ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली, ग्राम सचिवालय की जियोफेंसिंग और इंटरनेट कॉलिंग जैसे डिजिटल सिस्टम की भी सराहना की और इनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की बात कही।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गांव के तालाब सिर्फ पानी के स्रोत नहीं बल्कि गांव की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं। ऐसे में इनकी समय पर सफाई देखरेख और पारदर्शी तरीके से पट्टे पर देना जरूरी है। तालाबों का राजस्व ग्राम विकास में लगेगा और ड्रेनेज का पानी तालाबों में न पहुंचे, इसके लिए गांव के बाहर निकासी की व्यवस्था हो.मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक शौचालयों की सफाई नियमित हो और सफाईकर्मियों को समय पर मानदेय मिले।उन्होंने बताया कि प्रदेश के 96,171 राजस्व गांवों में से 90,891 को ODF प्लस घोषित किया जा चुका है। बाकी गांवों को भी जल्द इस सूची में लाने के निर्देश दिए।साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती से रोक लगाने और प्लास्टिक प्रबंधन इकाइयों के निर्माण में तेजी लाने को कहा।सरकार के अनुसार अब तक 150 में से 89 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है और 33 निर्माणाधीन हैं।मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार स्मार्ट विलेज योजना को तेजी से लागू कर रही है। इसके तहत गांवों में ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, पीडीएस दुकानें, सीसीटीवी कैमरे, सोलर स्ट्रीट लाइट, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली और उत्सव भवन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे गांव के लोगों की जीवनशैली आसान हो रही है।
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