महाकुंभ में कैसे हो रही लोगों की गिनती
प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ चल रहा है। महाकुंभ को शुरू हुए 8 दिन हो गए हैं। इन 8 दिनों में 8 करोड़ से अधिक लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 40 से 50 करोड़ हो सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कैसे होती है।क्योंकि लाखों-करोड़ों की भीड़ को गिनना मुश्किल है।
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की गिनती में अनुमान के साथ-साथ सीटक तरीके का भी इस्तेमाल किया जाता है।बता दें कि इस बार के महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल किया जाता है। श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए महाकुंभ में AI तकनीक वाले कैमरे लगाए गए हैं।साथ ही रेलवे स्टेशनों पर उतरने वाले श्रद्धालुओं की भी ट्रैकिंग की जा रही है। यह कैमरे महाकुंभ में आने वाले लोगों के चेहरों को स्कैन करते हैं और वहां मौजूद भीड़ के हिसाब से यह अनुमान लगाते हैं कि कितने घंटे में कितने लाख लोग मेला क्षेत्र में आए।इस समय महाकुंभ मेला क्षेत्र में 1800 कैमरे लगे हुए हैं। AI के साथ-साथ अधिकारियों द्वारा जमीनी आंकलन के जरिए भी भीड़ की संख्या का पता लगााया जाता है।महाकुंभ नगर में अन्य 50 से 60 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। जिससे किसी भी दिन मेले में उपस्थित लोगों की कुल संख्या 65-70 लाख हो जाती है।सरकार ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए एक स्पेशल टीम तैयार की है। जिसका नाम क्राउड असेसमेंट टीम है। यह टीम रियल टाइम बेसिस पर महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कर रही है और AI कैमरे की मदद से गिनती कर रही है। इसके अलावा ड्रोन कैमरे डेंसिटी प्रति स्कवायर मीटर को आंकते हैं और कुल एरिया के हिसाब से लोगों को कैलकुलेट करते हैं।
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