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गिरोह बनाकर वसूली करते थे , SSP ने किया सस्पेंड


लखनऊ डायल 112 नंबर पुलिस मदद के लिए है। लेकिन मेरठ जिले में चार पुलिसवाले और एक होमगार्ड इसी 112 नंबर का इस्तेमाल वसूली के लिए कर रहे थे।न जाने इन पुलिसवालों ने कितनी घटनाएं की 112 पर कितनी ही फर्जी सूचनाएं दी। लेकिन वसूली करने वाले ये पुलिसवाले अपने ही जाल में फंस गए। पूरा सिंडिकेट बनाकर ये सौदेबाजी और वसूली कर रहे थे। SSP  डा. विपिन ताडा ने जांच कराई तो बड़ा खुलासा हो गया और इसके बाद SSP की कार्रवाई का चाबुक चल गया।मेरठ के देहात इलाके परीक्षितगढ़ थाने की PRV पर तैनात हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और चालक राजन अपने साथ होमगार्ड सुशील कुमार को रखते थे। चारों पुलिस वाले बुलंदशहर में PRV पर ही तैनात थे और अभी तबादला होकर मेरठ आए हैं। चारों ने फर्जी आईडी पर सिम ले रखा था। किसी गांव में अवैध वसूली करने के लिए ये फर्जी आईडी वाले सिम से 112 नंबर पर कॉल करा देते थे। इसके बाद लखनऊ से मौके पर जाने का आदेश होता था। मौके पर जाकर सट्टा, अवैध शराब से जुड़े मामले, झगड़ा या अन्य मारपीट के मामले में आरोपी को पकड़कर ले आते थे और फिर उससे गांव के बाहर सौदेबाजी और वसूली करके उसे छोड़ दिया जाता था।112 पर सूचना दी जाती थी कि मौके पर गए सब सामान्य है। ये पांचों लोग न जाने कबसे अवैध वसूली का सिंडिकेट चला रहे थे मामला 23 अक्टूबर का है। 112 नंबर पर सूचना दी कि गांव में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। लखनऊ से तुरंत मौके पर जाने के आदेश हो गए।हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और चालक राजन अपने साथ होमगार्ड सुशील कुमार को लेकर मौके पर पहुंच गए। फीडबैक के लिए जब लखनऊ से उस नंबर पर फोन किया गया। जिससे सूचना आई थी तो वो स्विच्ड ऑफ मिला। परीक्षितगढ़ में ज्यादातर सूचनाओं पर ऐसा ही हो रहा था कि सूचना देने वा नंबर बंद मिलता था।आखिरकार इसकी शिकायत  SSP डा. विपिन ताडा को मिली तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक को जांच सौंप दी। जांच हुई तो पूरा पर्दाफाश हो गया कि 4 पुलिसवालों के साथ होमगार्ड अवैध वसूली कर रहा था और फर्जी इवेंट क्रिएट किया जाता था और फिर अवैध वसूली का खेल होता था।मेरठ के SSP विपिन ताडा ने मामले को बेहद गंभीर  माना और मामले की जांच कराई। पता चला कि जिस मोबाइल नंबर से फोन आता था वो सिम किसी बुलंदशहर के रहने वाले व्यक्ति की आईडी पर था। जिस मोबाइल फोन से फर्जी सूचना दी जा रही थी वो मोबाइल भी PRV से बरामद कर लिया गया है। जांच में ये भी तस्वीर साफ हुई है कि डयूटी खत्म होने के बाद भी ये पुलिसवाले फर्जी इवेंट क्रिएट करके वसूली करने के लिए खुद भी मौके पर जाते थे। इन पुलिस वालों की सीडीआर खंगाली गई तो हकीकत से पर्दा उठ गया। चोरों की लोकेशन एक ही जगह मिली। SSP विपिन ताडा ने 112 नंबर पर फर्जी सूचना देकर वसूली करने वाले चारों पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है। हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और चालक राजन, होमगार्ड सुशील कुमार के खिलाफ मेरठ के सिविल लाइंस थाने में भी मुकदमा दर्ज करा दिया है।SSP मेरठ डा. विपिन ताडा का कहना है कि ये चारों पुलिसवाले फर्जी इवेंट क्रिएट करके वसूली कर रहे थे। जांच की गई तो आरोप सही निकले जिसके बाद चारों को सस्पेंड कर धारा 420 सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया है। साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए हैं ताकि इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सके। उनका कहना है कि कई पुरानी शिकायतों और पुराने मामलों की भी जांच की जा रही है।

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