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मनरेगा में 100 दिवस का रोजगार देने में यूपी देश मे अग्रणी


लखनऊ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार और वंचित वर्गों के इच्छुक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना बेरोजगारों और रोजगार की जरूरत वाले लोगों के लिए “काम करने के अधिकार” की गारंटी देता है। एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ाने का निरंतर प्रयास जारी है।उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश में मनरेगा में श्रमिकों की मांग के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में ग्रामीण परिवेश बीते कुछ सालों लगातार लाखों परिवारों को योजनांतर्गत लाखों परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी अब तक 1,55,936 परिवारों द्वारा 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया जा चुका है। 100 दिवस का रोजगार देने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। आंध्र प्रदेश (1,95,395), महाराष्ट्र (1,78,928) के बाद उत्तर प्रदेश (1,55,936) तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करा रहा है। प्रदेश में कोई भी ग्रामीण व्यक्ति रोजगार के लिये न भटके, इसको लेकर उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में लगातार मनरेगा के माध्यम से श्रमिकों को रोजगार उनके ही गाँव में उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके चलते आम लोग भी अपने परिवार के साथ बेहतर जीवन व्यतीत कर रहे हैं और उनको घर छोड़कर रोजगार के लिये भटकना नहीं पड़ रहा है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा समय-समय पर जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन किया जा रहा है।मनरेगा योजना के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों में श्रमिक परिवारों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जाए ,इस पर विशेष बल दिया जा रहा है। समीक्षा बैठकों में भी जिम्मेदार अधिकारियों को लगातार निर्देशित भी किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 81 से 99 दिवस पूर्ण कर चुके परिवारों को प्राथमिकता देते हुए 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 81 से 99 दिवस का रोजगार पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या 5.57 लाख से भी ज्यादा है। इससे प्रतीत होता है कि इस वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या तकरीबन 6 लाख या इससे अधिक हो जायेगी।वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक लाखों परिवारों को मनरेगा योजनांतर्गत कार्य उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को आसान बनाया जा रहा है। इस वर्ष 2024-25 में अब तक 1.55 लाख से भी ज्यादा ऐसे परिवार हैं जिन्होंने 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया। नरेगा सॉफ्ट पर प्रदर्शित रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 28.11.2024 तक 1,55,936 परिवारों द्वारा योजनांतर्गत 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया जा चुका है, और आगे भी ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर योजना के अंतर्गत इच्छुक और वयस्क व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में 100 दिवस का रोजगार देने में आजमगढ़ प्रथम स्थान पर, बस्ती दूसरे व ललितपुर तीसरे स्थान पर है।ग्राम्य विकास विभाग का उद्देश्य ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को उन सभी मूलभूत सुविधाओं को पहुँचाना है जो आम जनता को मिलनी चाहिए। इसी कड़ी में वहां रहने वाले श्रमिकों को भी समय-समय पर रोजगार उपलब्ध कराना भी विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा योजना के अंतर्गत आने वाली सभी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है।आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग  जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा  के तहत श्रमिकों को लगातार रोजगार उपलब्ध करा रहा है।

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