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महिला की मौत के बाद शव से चुराए थे जेवर, अब जांच में पुलसकर्मी पाए गए दोषी

 


लखनऊ पुलिस को चोर के पीछे भागते और उसे पकड़ते आपने कई बार देखा और सुना होगा। लेकिन क्या पुलिस को चोरी करते आपने सुना है।अगर नहीं तो जान लीजिए कानपुर के कुछ पुलिसकर्मी जेवर चुराने के आरोप में दोषी पाए गए हैं और खास बात ये है कि पुलिस ने ये जेवर किसी के घर या दुकान से नहीं बल्कि एक लाश के शरीर से चुराए हैं।आरोप है कि साल 2023 में राजकुमारी नाम की महिला की हत्या हुई थी।जिसके बाद मौका ए वारदात पर पुलिस ने शव के शरीर से पहने हुए जेवर उतार कर अपने कब्जे में ले लिया था और फिर पंचनामा भर कार्रवाई कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया था और उसके बाद जब परिजन जेवरों को लेने पहुंचे तो उन्हें जेवर नहीं मिले।कानपुर के थाना नजीराबाद के रहने वाली राजकुमारी की हत्या उसके बेटे विवेक ने साला 2023 में कर दी थी और बेटे विवेक ने हत्या के बाद खुदकुशी कर ली थी।जिस पर थाना नजीराबाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर राजकुमारी के शरीर से पहने हुए जेवरों को उतार कर अपने कब्जे में ले लिया था। लेकिन अंतिम संस्कार के बाद परिजन जेवर लेने थाने गए तो उन्हें जेवर नहीं मिले। इस आरोप के चलते पीड़ित परिवार की ओर से IGRS किया गया।जिसे संज्ञान लेते हुए अधिकारी एक्टिव मोड़ में आए और उन्होंने जांच करनी शुरू कर दी थी.वहीं इस पूरे प्रकरण में एडिशनल पुलिस कमिश्नर  ने बताया कि जब ये मामला हुआ था तो घटना के समय पुलिस ने शव के शरीर से जेवर अपने कब्जे में मिला था। लेकिन मृतिका के परिजनों में आपसी विवाद के चलते उन्हें जेवर नहीं दिए गए और उनसे कहा गया कि आप पहले इस बात का आपसी फैसला कर लें कि जेवर किसे दिए जाएं।हालांकि पुलिस अधिकारी की माने तो इस जेवर विवाद में पुलिस ने जिस पर सहमति बनी उसे जेवर सौंप दिए।लेकिन इस मामले में पुलिस की तरफ से जो त्रुटियां की गई थी। उस पर जांच कराई गई और उसने तत्कालीन थानाध्यक्ष और अन्य पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया था और उन्हें दंडित भी किया गया था।साथ ही इस पत्रावली पर पुनः समीक्षा करने पर पाया गया था कि जो दंड पर्याप्त नहीं था और उसकी प्रक्रिया पुनः कराई जा रही है।

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