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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO के चक्कर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत, एक जून से नए नियमों की घोषणा

 


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नए नियमों की घोषणा की। अब एक जून 2024 से लोग सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। इन निजी स्कूलों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक परीक्षण लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी। वहीं अब आरटीओ के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।नए नियमों के मुताबिक तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना अभी भी 1000 रुपये से 2000 रुपये के बीच है। लेकिन अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया तो उसे 25,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।साथ ही वाहन मालिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं मिल पाएगा। मंत्रालय ने आवश्यक कागजी कार्रवाई को कम करके नया लाइसेंस प्राप्त करना आसान बना दिया है। आवश्यक दस्तावेज इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप दोपहिया या चार-पहिया लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं जिसका अर्थ है कि RTO में कम शारीरिक जांच की आवश्यकता होती है।नियमों के मुताबिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए। यदि वे चार पहिया वाहनों के लिए प्रशिक्षण देते हैं तो उन्हें दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। ड्राइविंग स्कूलों को उचित परीक्षण सुविधा होनी चाहिए। प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव के साथ बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए।

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