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अमेठी में बड़ी दीदी और छोटी दीदी आमने-सामने


 यूपी के हाईप्रोफाइल सीटों में से एक अमेठी कभी गांधी परिवार का   गढ़ था। 25 साल बाद इस बार गांधी परिवार ने अपने वफादार किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला भाजपा  नेता स्मृति जूबिन इरानी से है। प्रियंका गांधी लगातार यहां प्रचार कर रही हैं। आम बातचीत में लोग यही कहते हैं कि चुनाव तो बड़ी दीदी (स्मृति) बनाम छोटी दीदी (प्रियंका गांधी) आमने-सामने है।एचएएल कोरवा निवासी पन्नालाल  कहते हैं कि कांग्रेस का यह बहुत बड़ा दांव है। किशोरी हारे तो कोई हानि नहीं। हारे तो राहुल भी। लेकिन यदि जीते तो। सरोज तंज कसते हुए कहते हैं कि प्यादे से बड़ी दीदी (स्मृति) हारीं तो राहुल के हारने से भी बड़ा इतिहास बन जाएगा। पिछले चुनाव में राहुल गांधी स्मृति से पराजित हो गए थे। वह कहते हैं कि इतने कम समय में छोटी दीदी ने जैसा माहौल बनाया है।किशोरी कमाल भी कर सकते हैं।  जामो निवासी केशव प्रसाद कहते हैं कि स्मृति 2014 में हारीं लेकिन अमेठी नहीं छोड़ा। 2019 में जीतीं तो उन्हें अंदेशा रहा होगा कि अगली बार भी राहुल लड़ सकते हैं। ऐसे में वह केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद कभी सांसद खेल प्रतियोगिता तो कभी सांसद महिला मैराथन, कभी योजना का रजिस्ट्रेशन, तो कभी राम मंदिर से जुड़े आयोजनों पर अक्षत बंटवाने और प्रसाद वितरित कराने तो कभी दुरदुरिया का पूजा करवाने के बहाने लगातार गांव-गांव संपर्क में रहीं। राहुल वाली टक्कर किशोरी दे पाएंगे मुश्किल है।गौरीगंज निवासी कामता प्रसाद कहते हैं कि सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह से भाजपा मदद ले रही है। राकेश से चुनाव हारने वाले भाजपा के चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी भी साथ चल रहे हैं। लेकिन दोनों में तालमेल बिठाना किसी चुनौती से कम नहीं है।अमेठी से पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिवार से भाजपा मदद ले रही है। परसावां निवासी रामलौट कहते हैं अमेठी में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति पर्दे के पीछे और उनका बेटा अनुराग, बहू पूजा व बेटी अंकिता खुलकर भाजपा की मदद कर रही हैं। लेकिन महराजी के सामने भाजपा से चुनाव लड़कर हारने वाले डाॅ. संजय सिंह कहीं दिख नहीं रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि वह नाखुश हैं।

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