ब्रेकिंग न्यूज

सुल्तानपुर के थाने में प्रेमी युगल ने लिए सात फेरे: आठ माह की गर्भवती से रचाया शादी, कोतवाल की मध्यस्थता से हुआ विवाह


सुल्तानपुर जिले में प्रेमी युगल ने कादीपुर परिसर में शुक्रवार को सात फेरे लिए। मंदिर परिसर में ही युवक ने अपनी आठ माह की गर्भवती पत्नी की मांग में सिंदूर भरा। कोतवाली पहुंचने से पहले दोनों ने आज ही कोर्ट मैरिज पेपर पर साइन किया था। जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। यहां का रहने वाला संदीप कुमार (25) पुत्र रामनेवाज पिता के साथ पंजाब में रहकर मजदूरी करता है।

बताया जा रहा है बीते वर्ष 2023 के जून माह में घर आया था। जहां गांव की ही नेहा (24) (काल्पनिक नाम) को दिल दे बैठा। दोनों चोरी चुपके मिलने लगे और कुछ दिन साथ रहकर संदीप वापस पंजाब लौट गया। इधर ठेठ देहाती अंदाज में रहने वाली नेहा को पता ही नहीं चला कि उसके साथ हो क्या गया। राज तो तब खुला जब नेहा की बड़ी बहन इधर घर आई। उसने बहन का पेट की आकृति देखकर उससे पूछा कि पेट फूला क्यों है तो वो कुछ बता नहीं सकी। अगले दिन बहन उसे लेकर डॉक्टर के यहां गई, वहां मेडिकल रिपोर्ट आई तो बड़ी बहन के पैर तले जमीन खिसक गई।वो बहन को लेकर घर आई और परिजनों को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद मामला कोतवाली कादीपुर पहुंचा।

यहां इंस्पेक्टर कादीपुर अशोक कुमार सिंह ने काफी सूझबुझ से काम किया। उन्होंने पहले लड़के के परिवार वालों को बुलाया और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। यहां पुलिस को लड़के के परिवार वालों ने बताया कि  संदीप की तो बरीक्षा हो चुकी है और मई माह में उसकी बारात जाना है। केस काफी सेंसटिव था, ऐसे में कोतवाल ने परिवार वालों से कहकर संदीप को पंजाब से यहां बुलाया। और कल जब वो घर पहुंचा तो उसे कोतवाली ले जाया गया। जहां कोतवाल ने उससे कहा कि तुमने एक लड़की की जिंदगी बर्बाद की है केस लिखकर जेल भेज दूंगा। ऐसे में संदीप राजी हुआ। शुक्रवार को कादीपुर तहसील में पहले दोनों का कोर्ट मैरिज हुआ। उसके बाद दोनों ही परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के समक्ष कोतवाली के अंदर मंदिर में दोनों की शादी रचाई गई।

वही संदीप ने पुलिस से कहा है कि मैने अपनी मर्जी से यह विवाह किया है। हम पिछले जुलाई 2023 से बतौर पति-पत्नी की तरह साथ में थे। हम दोनों के संसर्ग से मेरी पत्नी के गर्भ में लगभग 8 माह की संतान पल रही है। जिसे हम भविष्य में बिना किसी भेदभाव के स्वीकार कर उसका पालन-पोषण करेंगे। हम बालिग हैं तथा भारतीय संविधान हमें यह अनुमति देता है कि हम अपनी इच्छा से अपना जीवन साथी चुन सकते हैं। इसपर कोई कानूनी बाध्यता नहीं हो सकती है।संदीप ने कहा कि इस विवाह के बाद मैं अपनी संपत्ति में सम्पूर्ण अधिकार नेहा को देता हूं। यदि आगे भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होता है तो मेरी आर्थिक व अचल संपत्ति में से अपना हिस्सा नेहा ले सकती है। हम दोनों के जो भी संतानें पैदा होगीं उनका हिस्सा मेरी पैतृक संपत्ति में पूर्ण रूप से होगा।

कोई टिप्पणी नहीं