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शिक्षकों ने रामलला के दरबार में लगाई अर्जी


अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या पहुंच रही है।
 श्रद्धालु रामलला के दरबार में हाजिरी लगाकर मन की मुराद पूरी करने की फरियाद कर रहे हैं। अब यूपी के अध्यापकों ने रामलला के दरबार में अपनी अर्जी लगाई है। मामला 7 अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों का है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से लेकर कोर्ट कचहरी तक का चक्कर काट लिया है।अध्यापकों ने रामलला से नौकरी पर बहाल किए जाने की मनोकामना की रामलला से गुहार लगाने वालों में अलग-अलग माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापक हैं। उन्होंने बताया कि 9 नवंबर 2023 को बाहर कर दिया गया। सेवा समाप्ति के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दोबारा बहाली का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया।सन 2000 के बाद नियुक्त शिक्षकों को टीजीटी और पीजीटी में बैठने का मौका मिला लेकिन सन 2000 से पहले नियुक्त शिक्षकों के हाथ खाली रहे।शिक्षकों का दर्द है कि बिना मौका दिए बाहर कर दिया गया। उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए।उनका कहना है कि अब इस उम्र में कहां जाएं कौन सी नौकरी करें।उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सैकड़ों अध्यापक अधिकारियों से नाराज दिखाई दिए।उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सीएम योगी  को लगातार गुमराह कर रहे हैं। इसलिए उनकी समस्याएं बरकरार हैं। अध्यापकों को अब रामलला से मनोकामना पूरी होने की उम्मीद है। इसलिए उन्होंने रामलला के दरबार में मनोकामना पूरी करने की अर्जी लगाई है।

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