10 साल की जेल, भारी जुर्मान नए कानून के खिलाफ रोडवेज चालकों का यूपी में हड़ताल
केंद्र सरकार जो नया कानून लेकर आई है उसे लेकर नये साल 2024 के पहले दिन यानी सोमवार को यूपी रोडवेज चालक परिचालक संघ ने हड़ताल की और विरोध प्रदर्शन भी किया।
चालक रोडवेज पर एकत्र होकर सुबह से ही इस कानून का विरोध करते रहे। बस चालकों ने एकजुटता दिखाते हुए इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की कोशिश है कि प्राइवेट बस चालक और एंबुलेंस के चालकों को भी इसमें शामिल किया जाए। चालकों ने कहा है कि वह खुद नहीं चाहते हैं कि हादसा हो पर दुर्घटनाएं अचानक होती हैं।सरकार ने अब दुर्घटना पर सीधे सीधे चालक को दोषी मानने का कानून बनाया है। इसमें 10 साल की सजा के साथ ही अर्थदंड का भी प्रावधान किया गया है। इसी के विरोध में हड़ताल शुरू हुई है और आगे भी जारी रहेगी।सुलतानपुर की बात करें तो चालकों के लिए बनाए जा रहे नए कानून को लेकर वाहन चालकों में आक्रोश है।
सुलतानपुर रोडवेज बस डिपो के चालकों ने वाहनों का संचालन बंद किया है। रोडवेज ड्राइवरो ने बस चलाने से मना किया है।उनका कहना है कि जब तक कानून पर रोक लगेगी वाहन नहीं चलाएंगे।सैकड़ो की संख्या में यात्री डिपो में एकत्रित हैं और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सभी रोडवेज बस डिपो में खड़ी है।अधिकारी चालकों को मानने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।इस बाबत लखनऊ व कानपुर में भी लोग हड़ताल पर है।रोडवेज की बसों का इंतजार करती हुई सवारियां देखी जा रही हैं। चालकों के लिए नया नियम आने के बाद दुश्वारियों को झेलने को मजबूर यात्रियों ने कहा कि आज सुबह 4:00 बजे से रोडवेज बसों के चलने का इंतजार किया जा रहा है लेकिन ड्राइवरों के चक्का जाम किए जाने की वजह से हम सभी लोग यहां पर परेशान हैं। यहां पर न ही कोई अधिकारी और न ही कोई कर्मचारी आया हम लोगों की बातों को सुनने के लिए। सुल्तानपुर से लखनऊ, अयोध्या से प्रयागराज, वाराणसी जाने वाले मार्गों के लिए सुल्तानपुर डिपो की बसों का संचालन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। यात्री अपना सामान लेकर इधर से उधर टहलते हुए नजर आ रहे। बस ड्राइवर अरविंद कुमार दुबे ने कहा कि सरकार ने दस साल की सजा और पांच लाख रुपए जुर्माने का नियम ले आई है। कौन ड्राइवर इसे दे पाएगा। हम नोन रोटी खा लेंगे लेकिन बस नहीं चलाएंगे। ड्राइवर महिपाल यादव ने बताया कि कौन ड्राइवर है जो 10 लाख रुपए रखा है जो एक्सीडेंट होने पर दे देगा। दो पैसे से किसी तरह हम लोग अपनी जीविका चला रहे हैं इतना पैसा हमारे पास नहीं कि एक्सीडेंट होने पर हम अपनी जेब से भर दे देगें। वो इंशोरेंस कंपनी देखे जैसे पहले चल रहा था। वही बसों के चक्के थमने से ड्यूटी पर जाने वाले काफी परेशान रहे।
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