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इंस्पेक्टर ने फंदे पर लटक कर दी जान

 


उन्नाव के सफीपुर कोतवाली प्रभारी ने अपने सरकारी आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। थाना परिसर में मौजूद कर्मियों ने कमरे में झांक कर देखा तो उनका शव लटकता मिला तो चीख-पुकार मच गई। घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल करने के साथ ही परिजनों को सूचना दी है।रविवार रात 11 बजे वह थाना परिसर पर सरकारी काम निपटाने के बाद अपने सरकारी आवास में चले गए। किसी काम से थाने का ही कर्मी उनके आवास पर बुलाने पहुंचा तो उनका शव कमरे में फांसी के फंदे से लटकता मिला। इस दौरान थाना पर मौजूद  सिपाही और सीसीटीएन जीडी में तैनात कर्मी दौड़े। घटना की जानकारी आनन-फानन पुलिस अधीक्षक को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक उन्नाव से रवाना होकर सफीपुर थाना पहुंचे। उन्होंने कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल करने के साथ ही घटना की जानकारी परिजनों को दी।बताया जा हा है कि इंस्पेक्टर बीती देर रात थाना क्षेत्र के पिखी गांव से रात्रि गश्त करने के बाद वह अपने सरकारी आवास पहुंचे थे। कुछ देर बाद ही उन्होंने यह कदम उठा लिया। जिससे उनकी मौत हो गई। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का सही पता चल सकेगा।पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा ने बताया कि मृतक इंस्पेक्टर अशोक कुमार वर्मा की पत्नी की घटना से कुछ देर पहले ही फोन से बात हुई थी। कुछ देर बाद दोबारा फोन मिलाने पर जब इंस्पेक्टर का फोन नहीं उठा तो थाने पर ही तैनात सिपाही विक्रांत गुर्जर को इंस्पेक्टर की पत्नी ने फोन कर बताया कि साहब का फोन नहीं उठ रहा है कमरे में जाकर देखो यदि दरवाजा न खोले तो खिड़की तोड़ देना। सिपाही ने दरवाजा खटखटाया नहीं खुलने पर खिड़की तोड़ी तो उनका शव फंदे से लटकता मिला। वर्ष 2012 बैच आश्रित कोटे से दरोगा पद पर भर्ती हुए अशोक कुमार वर्मा पुत्र स्व. विक्रम सिंह निवासी ग्राम यहियापुर थाना नौगवां सादात जनपद अमरोहा के रहने वाले थे। पिता विक्रम दरोगा थे। बीमारी से मौत के बाद इन्हें नौकरी मिली थी। इधर शुरुवाती जुलाई महीने में उनका तबादला लखनऊ रेंज के खीरी जनपद से उन्नाव कर दिया गया। पुलिस लाइन उन्नाव में आमद कर आते ही 5 जुलाई को पुलिस अधीक्षक  ने उन्हें सफीपुर कोतवाली प्रभारी पद की कमान सौंपी।कोतवाली पहुंचे पुलिस अधीक्षक  ने पहले परिसर में मौजूद आरक्षियों से घटना को लेकर जानकारी हासिल की। उसके बाद डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक एक्सपर्ट को मौके पर बुलाया। टीम ने परिसर के अंदर और आवास में पहुंचकर घटना से संबंधित साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस अधीक्षक ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कई पहलुओं पर जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक को भी लगाया है।घटना को लेकर जांच करने पहुंचे अफसरों ने कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल की है। प्रथम दृष्टया पुलिस अधिकारी पारिवारिक कलह मान रहे हैं। हालांकि परिजनों के पहुंचने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।

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