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साष्टांग प्रणाम के बाद PM मोदी ने सेंगोल संसद में स्थापित किया


नई दिल्ली हवन और मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। पूजन के बाद तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने प्रधानमंत्री मोदी को सेंगोल सौंपा। प्रधानमंत्री ने साष्टांग प्रणाम के बाद इसे संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित किया।

इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला उनके साथ मौजूद थे।सेंगोल स्थापना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया जो संसद के निर्माण में शामिल थे। इसके बाद सर्वधर्म सभा हुई। प्रार्थना सभा में केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7:30 बजे संसद पहुंचे और सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया और फिर पूजन में शामिल हुए।नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी।

इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।

प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।

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