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कम्प्यूटर इंजीनियर ने निकाला एटीएम फ्रॉड का नायाब तरीका

 


 लखनऊ गोरखपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कम्प्यूटर सांइस से इंजीनियरिंग करने वाले B-Tech स्टूडेंट्स ने  एटीएम फ्रॉड का नायाब तरीका अख्तियार कर लिया। जिसे जानकर पुलिस और बैंक दोनों के होश उड़ गए। क्योंकि, इस बार जालसाजों ने पब्लिक को नहीं बल्कि सीधा बैंक को ही निशाना बना डाला।B-Tech स्टूडेंट्स पहले अपने एक्सिस बैंक अकाउंट में खुद कैश जमा करते थे। फिर एटीएम से 10- 10 हजार रुपए निकाल लेते थे। इसमें जालसाजी यह थी कि जैसे ही ट्रांजेक्शन के समय कैश  एटीएम मशीन से बाहर अभी ट्रे पर ही आता था तो जालसाज कैश तो तुरंत उठा लेते लेकिन ट्रे को तत्काल अंदर वापस डाल देते थे। इससे मशीन पर कैश विड्राल की जगह ट्रांजेक्शन एरर शो होने लगता था।इसके बाद जालसाज बैंक में कंमप्लेन कर अपने रुपए बैंक से भी वापस ले लेते थे। इस तरह से गोरखपुर और कानपुर के 5  एटीएम के जरिए जालसाज अब तक 6 लाख रुपए का बैंक फ्रॉड कर चुके हैं। हालांकि, जालसाजों का यह तरीका ज्यादा दिन चल नहीं सका और वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए।एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया, राजघाट पुलिस ने इस गैंग के दो जालसाजों को श्रीरामघाट के पास से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, इनका तीसरा साथी अभी फरार है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उसे भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विजय यादव सड़सी देवसर कानपुर और दूसरे की फैज खान जंक्शन इनक्लेव कॉलोनी निकट गुलरिहा थाना पिपराइच गोरखपुर के रुप में हुई।इनमें आरोपी फैज खान कम्प्यूटर सांइस से इंजीनियरिंग करने वाला B-Tech थर्ड इयर का स्टूडेंट्स है। जबकि, विजय यादव बिजनेसमैन है। वहीं, उदय नाम का इनका तीसरा साथी अभी फरार चल रहा है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने दोनों के पास से 71 हजार रुपए कैश, 10  एटीएम कार्ड, दो मोबाइल फोन, एक ​ब्रेजा कार और एक बाइक भी बरामद की है।SP सिटी ने बताया इस गैंग के लोग कई बैंक के  एटीएम को टारगेट कर सीधा बैंक को चैलेंज करते थे। जालसाजों ने जून 2022 से अब तक गोरखपुर में 4 ट्रांजेक्शन कर 5.99 लाख रुपए का फ्रॉड किया है।जिसमें बेतियाहाता  एटीएम से 1.69 लाख, राजेंद्रनगर  एटीएम से 1.80 लाख, हर्बट बंधा  एटीएम से 1.80 लाख और जीरो प्वाइंट कालेसर  एटीएम से 50 हजार रुपए का फॉड किया है। इसके अलावा इस गैंग ने कानपुर के  एटीएम से भी 20 हजार रुपए के ट्रांजेक्शन कर फ्रॉड करने की बात कबूल की है।इस गैंग की खास बात यह थी कि यह शहर के सभी  एटीएम को टारगेट नहीं करता था। यह सिर्फ उन्हीं  एटीएम को टारगेट करता था जहां कैश डिपॉजिट मशीन (CDM ) होती थी। क्योंकि  कैश डिपॉजिट मशीन  (CDM) मशीनों में कैश निकालने या जमा करने के लिए ट्रांजेक्शन होते ही एक बॉक्स खुलता है और ट्रे बाहर आता है।जिसमें अंदर हाथ डालकर कैश निकाले और जमा किए जाते हैं। ऐसी मशीनों में जैसे ही ट्रांजेक्शन करते वक्त ट्रे बाहर आता था जालसाज कैश हाथ में लेकर ट्रे हाथ से अंदर धकेल देते थे। जिससे कि ट्रांजेक्शन एयर बताने लगता था।

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