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कोर्ट के आदेश पर तालाब के अवैद्ध कब्जेदारो पर चला जिला प्रशासन का बुलडोजर


सुलतानपुर उच्च न्यायालय के निर्देश पर जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र के बिरसिंहपुर बाजार के समीप गांव के दर्जनों व्यक्तियों ने तालाब पाटकर आवास बना लिए थे। ग्रामीणों की बार-बार शिकायत पर जिला प्रशासन जब नहीं माना तो आखिरकार उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने तालाब को सुरक्षित करने का कडा निर्देश जारी किया।बिरसिंहपुर बाजार में बरपा विलाप किसी की मौत पर नहीं है।

बल्कि ये दो परिवार के वो लोग हैं ठंड में जिन्हें बेघर कर दिया गया है। कसूर इनका ये था कि इन्होंने 40 सालों से तालाब की जमीन पर कब्जाकर मकान बना रखा था। हालांकि अधिकारी इन्हें आवासीय पट्टा देने की बात कर रहे हैं। लेकिन पीड़ित की माने तो जिस स्थान पर पट्टा दिया जा रहा वो जमीन विवादित है। बता दें कि जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र के बिरसिंहपुर गांव में गाटा संख्या- 265 तालाब के नाम दर्ज है।

इस पर 40 वर्षों से 2 परिवार मकान व 11 लोग दुकान बनाकर रह रहे थे। अवैध कब्जे को लेकर बिरसिंहपुर गांव निवासी होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. राजीव सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया था। कोर्ट ने अवैध कब्जे को हटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश को संज्ञान में लेकर तहसील प्रशासन द्वारा अवैध कब्जेदारों को दुकान व मकान से सामान निकालने का पूर्व में दिशा-निर्देश दिया गया था। गुरुवार को जयसिंहपुर उपजिलाधिकारी  संजीव कुमार यादव, तहसीलदार हृदयराम तिवारी, नायब तहसीलदार संध्या यादव, कोतवाल प्रेमचन्द्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। अधिकारियों के साथ बुलडोजर देख अवैध कब्जे धारों में हड़कंप मच गया। बुलडोजर जैसे ही कब्जेदार रामदेव की जमीन पर पहुंचा तो घर की महिलाये उसके आगे लेट गई। प्रशासन ने महिलाओं को मशक्कत से किनारे कराया गया। देखते ही देखते मो राशिद, मो रियाजुद्दीन के आवास व अन्य 11 दुकानदारों की दुकानों को ढहा दिया गया। उपजिलाधिकारी जयसिंहपुर ने बताया कि कार्रवाई कोर्ट क आदेश पर की गई है। आवास बनाकर रह रहे दोनो परिवार को आवासीय पट्टा दिया जा रहा है। अवैध रूप से दुकान बनाने वालों को कोई लाभ नहीं दिया जायेगा।

अधिकारी द्वारा पट्टा देने की बात कहने से ये तो साबित है कि आवास बनाकर रह रहे दोनों परिवार पात्र थे। तब इन्हें उजाड़ने से पहले बसाया क्यों नहीं गया। क्या अधिकारी ये चाहते हैं कि भीषण ठंड में ये किसी हादसे का शिकार हो जाये।पीड़ित मोहम्मद रशीद ने बताया कि जमीन मिली नहीं है। जो जमीन दिखाये हैं वो भी विवादित है। लेखपाल लेकर गये थे निशान लगाकर आये लेकिन जो कब्जा किये हैं वो घर पर हमारे आये और बोले कि हमारा कब्जा है।उधर उजाड़े गये दुकानदार अमरनाथ ने कहा कि मेरा मकान तालाब में था। अब मैं ये चाहता हूं कि ग्राम समाज में तालाब की जमीन है उसे खाली कराया जाये। 2018 में भी आवास बने हैं उसे खाली नहीं कराया गया। हम दुकान से ही गुजारा करते थे, हर अधिकारी के दरवाजे पर गये लेकिन सुना नहीं गया। हम लोगो के साथ साजिश की गई है।

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