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सरकारी दस्तावेज में की हेराफेरी,दस लाख डकार गये प्रधान-सचिव और तकनीकी सहायक


सुलतानपुर जिले में सरकार की जीरो टॉलेंस पॉलिसी में भ्रष्टाचार का जिन्न निकलकर सामाने आया है। यहां धनपतगंज ब्लॉक क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक ने मिलकर नाली-खड़ंजा और विकास कार्य के लिये आया दस लाख रुपये डकार लिया। ये सब कुछ हुआ सरकारी दस्तावेज में हेराफेरी करके। जिलाधिकारी ने प्रकरण को संज्ञान में लेकर प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए हैं। धनपतगंज ब्लॉक क्षेत्र के बहादुरपुर ग्राम पंचायत महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत दस लाख रुपए की धनराशि मुख्य विकास अधिकारी ने निर्गत की थी। इस पैसे से गांव में सड़कों का निर्माण किया जाना था। पेयजल के लिए हैंडपंप रिबोर किए जाने थे। पानी के भराव की समस्या को दूर करने के लिए नालियों का निर्माण होना था। वह हर काम किया जाना था। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की समस्याएं दूर होती और लोगों को विकास के जरिए रफ्तार देने की योजना को पंख लगाए जाते। पैसा खारिज किया नहीं कराया कोई निर्माण कार्य ।बहरहाल पुल मामले में प्रधान सचिव और तकनीकी सहायक ने मिलकर पूरी धनराशि हजम कर लिया है। अभिलेख में पैसा खारिज करते हुए मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। मामले के खुलासे के बाद विकास विभाग में हड़कंप मच गया। जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से प्रधान अनीता के अधिकार सीज कर दिए गए हैं। सचिव रवि सिंह और तकनीकी सहायक श्रीप्रकाश तिवारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। प्रशासनिक कार्रवाई से ग्राम पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती ने बताया कि एफिडेविट के जरिए शिकायत विभाग के पास आई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर हमने पूरे मामले की जांच पड़ताल की थी। जिसमें महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत काम किया जाना था। अभिलेख में योजना का कार्य पूरा दिखाते हुए पैसा निकाल लिया गया है। जिसमें हैंडपंप का रिपोर्ट समेत अन्य काम शामिल थे। जिलाधिकारी के आदेश पर प्रधान के अधिकार सीज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।

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