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चूहे को नाले में डुबोकर मारने वाले को जेल


लखनऊ बदायूं जिले में चूहे को पानी में डूबो कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। चूहे के शव का बरेली आईवीआरआई  में पोस्टमॉर्टम किया गया। 7 दिन बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आएगी। चूहे के शव को बदायूं से बरेली तक  एसी गाड़ी में ले जाया गया, जिसका किराया 1500 रुपए लगा। आईवीआरआई में 225 रुपए की रसीद भी काटी गई।मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पनवड़िया का है। शहर के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी विकेंद्र पशु प्रेमी व पीएफ संस्था के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें कहा गया है कि एक युवक चूहे को नाले में डूबा रहा था।

रोकने पर उसने उसको नाले में फेंक दिया। फिर बार-बार वह ऐसा करता रहा, जिससे चूहा मर गया।शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मनोज के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं चूहे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा। बदायूं में पोस्टमॉर्टम नहीं होने पर बरेली भेज दिया गया। यहां भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान में पोस्टमॉर्टम किया गया।कहानी कुछ ऐसी है कि एक सिरफिरा शख्स मनोज सड़क किनारे पुलिया पर बैठा था। उसके साथ कुछ बच्चे थे और उसने एक चूहे को पकड़ा हुआ था। सिरफिरे ने चूहे की पूंछ में पत्थर बांधा और नाले में डूबो दिया। जब ये सब हो रहा था तब वहीं से पशु प्रेमी विक्रेंद शर्मा गुजर रहे थे। उन्होंने देखा और ऐसा करने से मना किया। विकेंद्र का कहना है कि उस समय चूहा जिंदा था। लेकिन उनके टोकने पर सिरफिरे ने चूहे को नाले में फेंक दिया।विकेंद्र के चूहे को बचाने की कोशिश यहीं नहीं रुकी। उन्होंने जैसे-तैसे उस चूहे को नाले से निकाला। लेकिन तब तक चूहे की मौत हो चुकी थी। ये देखकर विकेंद्र को काफी गुस्सा आया। उन्होंने आरोपी का नाम पूछा। उसने नाम बताया मनोज कुमार। और कहा कि मैं तो ऐसे ही मारता हूं और मारता रहूंगा, जो करना हो कर लो।विकेंद्र मृत चूहे को लेकर थाने पहुंचे और मनोज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत की। उन्होंने कहा कि मैं चूहा कोतवाली में दे रहा हूं इसका पोस्टमॉर्टम कराने का कष्ट करें। उन्होंने मांग की कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आरोपी पर कार्रवाई की जाए।विकेंद्र ने बताया, मामला पशु क्रूरता अधिनियम से जुड़ा था। ऐसे में चूहे का पोस्टमॉर्टम होना भी जरूरी था। मैं चूहे को लेकर बदायूं के पशु चिकित्सालय में पोस्टमॉर्टम कराने गया तो चूहे के पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था न होने के कारण उसे बरेली IVRI ले जाने का सुझाव जिम्मेदारों ने लिखित में दिया।विकेंद्र ने बताया, चूहे का शव बरेली ले जाने के लिए पुलिस तैयार तो हो गई। लेकिन वहां तक शव पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। ऐसे में मैंने अपनी जेब से 1500 रुपए में वैगनआर कार बुक की और एसी चलाकर चूहे को वहां तक पहुंचाया, ताकि उसकी बॉडी डी-कंपोज न होने पाए। आईवीआरआई में भी सरकारी रसीद 225 की कटी, जिसका भुगतान मैंने अपने पास से किया।हमारे संविधान में हर नागरिक के लिए कुछ मूल कर्तव्य भी बताए गए हैं। इन्हीं कर्तव्यों में से एक है पशुओं के साथ पशुता ना करना। संविधान के अनुच्छे 51(A) के तहत हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है भारतीय वन संरक्षण अधिनियम 1971 के मुताबिक किसी पशुओं का शिकार करना, करतब देखना, उसकी निर्मम हत्या करना, जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को 3 साल की जेल और ₹10 हजार का आर्थिक दंड देने का प्रावधान है।साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया या किसी अन्य तरीके से हत्या की, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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