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6 वर्षीय मासूम से हैवानियत के दोषी को स्पेशल कोर्ट ने सुनाई उम्र-कैद की सजा


सुलतानपुर माँ के साथ मेला देखकर लौट रही छह वर्षीय मासूम को परिचित होने का नाजायज फायदा उठाकर बाल पट्टा खरीदने के बहाने बहलाकर अपने साथ ले जाने एवं उससे दुष्कर्म के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी चंद्रदेव उर्फ चंदई कहार को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को ताउम्र कठोर कारावास काटने एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।मालूम हो कि अमेठी जिले जगदीशपुर थाना क्षेत्र स्थित हारीमऊ गांव के रहने वाले आरोपी चंद्रदेव उर्फ चंदई कहार के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़ित छह वर्षीय मासूम की माँ ने स्थानीय थाने पर 15 अक्टूबर 2021 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन वादिनी अपनी छह वर्षीय मासूम बेटी के साथ दशहरा का मेला देखने गई थी,जहां से वापस लौटते समय रास्ते में आरोपी चंद्रदेव मिल गया और परिचित होने का फायदा उठाकर मासूम बच्ची के लिए बाल पट्टा खरीदने के बहाने उसे अकेले अपने साथ लेकर चला गया,जिसके बाद एकांत में ले जाकर मासूम बच्ची को अपनी हबस का शिकार बना डाला। बच्ची दर्द से तड़पडाती रही लेकिन आरोपी को पीड़िता की मासूमियत पर जरा भी तरस नहीं आया। यही नहीं आरोपी ने यह बात किसी से कहने पर मुंह मे चाकू डालकर मार डालने की धमकी देकर बच्ची को डराया भी। लेकिन बच्ची के छिपाने से यह बात थोड़े छिपती क्योंकि उसके कपड़े पर काफी खून लगा हुआ था और उसके प्राइवेट पार्ट से लगातार ब्लीडिंग भी हो रही थी,यह सब देखकर जब वादिनी ने अपनी बच्ची से पूंछा तो उसने चंद्रदेव कहार का नाम बताकर आप बीती बयां किया। जिसके पश्चात वादिनी ने घटना की तहरीर जगदीशपुर थाने में दी तो अगले दिन एफआईआर दर्ज हो सकी। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की कार्यवाही की। मुकदमे की तफ्तीश पूरी कर विवेचक ने आरोपी चंद्रदेव उर्फ चंदई कहार के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना के एक वर्ष बाद भी बच्ची की स्थिति सामान्य नहीं है बल्कि प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग की समस्या अब भी बनी हुई है,जिसका इलाज चल रहा है। इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला। इस दौरान विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी ने अभियोजन पक्ष से अपने गवाहो व तर्को को प्रस्तुत करते हुए आरोपी को दोषी ठहराकर इस घिनौनी वारदात के लिए कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो व तर्को को पेश किया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी चंद्रदेव को दोषी करार देते हुए उसके जरिये एक मासूम बच्ची के साथ इस तरीके के घिनौने अपराध को करने की सोच को समाज के लिए खतरनाक मानते हुए उसे ताउम्र कठोर कारावास काटने एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट की सक्रियता से पीड़ित पक्ष को घटना से करीब  एक वर्ष के भीतर ही न्याय मिल गया,जिससे अन्य पीड़ित परिवारों में भी शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद कायम है।

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