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दलित की बेटी की इज्जत से खेलने के दोषी को विशेष अदालत ने सुनाई 20 साल की सजा


सुलतानपुर दलित किशोरी की लाचारी का नजायज फायदा उठा कर जबरन दुष्कर्म कर प्रेग्नेंट करने के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी अंकित दूबे को दोषी करार दिया है। जिसे अदालत ने 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।मालूम हो कि कूरेभार थाना क्षेत्र स्थित पिपरी साईंनाथपुर गांव के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे व उसके अज्ञात साथी के खिलाफ पीड़िता किशोरी ने कूरेभार थाने व एसपी ऑफिस पर सुनवाई ना होने पर एससी-एसटी राज्य आयोग-लखनऊ के अध्यक्ष से 31 जुलाई 2019 को शिकायत की थी। पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि उसके पिता की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है,वह पिपरी साईंनाथपुर के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे व इंद्रपाल दूबे व अन्य के यहां अपना घर चलाने के लिए मजदूरी करती थी। आरोप के मुताबिक 28 अप्रैल वर्ष 2018 की रात में आरोपी अंकित दूबे एवं उसके अज्ञात साथी ने उसके घर में घुसकर जबरदस्ती उसके साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया और कहीं शिकायत करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता के मुताबिक आरोपी अंकित दूबे ने उसकी लाचारी का नजायज फायदा उठाकर कई बार दुष्कर्म किया। पीड़िता का कहना है कि उसके आगे-पीछे कोई न होने की वजह से उसके साथ ऐसा किया जाता रहा,यहां तक कि बीमार हो जाने पर काम ना करने पर आरोपी अंकित उसे मारता-पीटता भी था और मजदूरी भी नहीं देता था। पीड़िता का आरोप है कि अंकित से दुष्कर्म का शिकार होने के चलते वह गर्भवती हो गई। जिसके बाद आरोपी ने मामला दबाने के लिए पहले उसे शादी करने का झांसा देकर गुमराह किया,बाद में मामला और बढ़ने पर आरोपी अंकित की मां ने पीड़िता को गर्भपात कराने की भी सलाह दी। फिलहाल चिकित्सक ने गर्भपात करने से मना कर दिया तो आरोपी पक्ष की मंशा पर पानी फिर गया। पीड़िता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एससी-एसटी आयोग ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। जिसके उपरांत 15 सितंबर 2019 को आरोपी अंकित दूबे व एक अज्ञात के खिलाफ गैंगरेप सहित अन्य गम्भीर धाराओ में मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपी अंकित को जेल भेजने की कार्यवाही भी की गई। फिलहाल तफ्तीश के दौरान पुलिस अज्ञात में दर्ज आरोपी की तलाश नहीं कर पाई और अकेले अंकित दूबे के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल की। मामले में दुष्कर्म पीड़िता से आरोपी के संपर्क बनाने की वजह से ही एक बच्चा भी पैदा हुआ,बच्चा किसका है इसकी पुष्टि कराने के लिए आरोपी अंकित,पीड़िता व जन्मे बच्चे का आवश्यक सैम्पल लेकर डीएनए टेस्ट भी कराया गया, जिसके बाद आरोपी के जरिये ही संबंध बनाने की वजह से पीड़िता के बच्चा पैदा होने की पुष्टि भी हुई। इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत करते हुए आरोपी को बेकसूर साबित करने का प्रयास किया। वहीं विशेष लोक अभियोजक रमेशचंद्र सिंह ने अपने साक्ष्यो व तर्को एवं डीएनए रिपोर्ट में साबित हुए साक्ष्य को प्रस्तुत करते हुए आरोपी को ही दोषी ठहराकर इस घिनौनी वारदात के लिए कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी अंकित दूबे को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले से दलित की बेटी की इज्जत से खेलने वाले अपराधी को अपनी करनी की सजा मिली है। वहीं अदालत के जरिए ताबड़तोड़ आ रहे ऐसे फैसलो से अपराधियो में दहशत का माहौल है और पीड़ित पक्षों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

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