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किशोरी से दुष्कर्म के केस में युवक को स्पेशल जज की अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा,सह आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी


सुलतानपुर किशोरी का अपहरण कर उसे जबरन उठा ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट एकता वर्मा की अदालत ने आरोपी सैरूद्दीन को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने मोतिगरपुर थाना क्षेत्र से जुड़े दुष्कर्म के मामले में दोषी गिरीश मिश्रा को 10 वर्ष के कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है,जबकि कोर्ट ने सह आरोपी मुकेश को बरी कर दिया है। वहीं इसी अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी चाचा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।पहले मामले में कोतवाली देहात थाना क्षेत्र स्थित भुलकी गांव के रहने वाले आरोपी सैरूद्दीन उर्फ कल्लू के खिलाफ पीड़िता की मां ने छह जुलाई 2017 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक आरोपी सैरूद्दीन उर्फ कल्लू पुत्र मुईनुद्दीन अक्सर कई लड़कों के साथ उसके दरवाजे पर आकर दबंगई दिखाता था और रोकने पर पीड़ित परिवार को मारने-पीटने की धमकी देता था। आरोप के मुताबिक उसकी दबंगई इस कदर बढ़ गई कि वह अभियोगिनी की 15 वर्षीय बेटी का अपहरण कर जबरन उठा ले गया और उसे अपनी हबस का शिकार बना डाला। पीड़ित पक्ष के मुताबिक दूसरे की बहन -बेटियों की इज्जत से खेलना आरोपी व उसके साथियों के लिए आम बात थी,लेकिन उनकी दबंगई की डर की वजह से किसी ने भी कभी मुंह खोलने की हिम्मत नहीं की। फिलहाल पीड़ित परिवार ने किसी तरह से हिम्मत जुटाकर अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी को लेकर दबंग युवक के खिलाफ आवाज उठाई और जरूरत पड़ने पर ऐसे गन्दे लोगो के क्षेत्र से निवास भी बदल देने तक की हिम्मत बांध ली। मामले में अभियोगिनी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ और पीड़िता की बरामदगी होने के बाद सारे आरोपो की पुष्टि भी हुई। इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट/एडीजे त्रयोदश एकता वर्मा की अदालत में चला। विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को पेश किया, वहीं अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक चंद्र प्रकाश मिश्रा ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर सैरूद्दीन उर्फ कल्लू जैसे घिनौने अपराध के आरोपी को दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज एकता वर्मा ने आरोपी सैरूद्दीन को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।दूसरा मामला मोतिगरपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर स्थित नानेमऊ गांव के रहने वाले आरोपी मुकेश मिश्रा व उसके मामा के लड़के गिरीश मिश्रा निवासी निकट रेलवे स्टेशन, थाना कोतवाली नगर ,जनपद प्रतापगढ़ के खिलाफ पीड़िता किशोरी ने 16 फरवरी 2020 को हुई घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन वह एक शादी समारोह में शामिल होने गई थी,जहां से घर वापस आते समय आरोपी मुकेश मिश्रा व गिरीश मिश्रा उसे बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर एक सुनसान एरिया में ले गए, जहां पहुंचने पर मुकेश वापस लौट गया और गिरीश मिश्रा ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। आरोप के मुताबिक दुष्कर्म करने के बाद आरोपी गिरीश मिश्रा उसे छोड़कर वहां से चला गया,जिसके बाद पीड़िता किसी तरह से अपने घर पहुंची। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। तफ्तीश के दौरान बरामद पीड़िता ने बताया कि गिरीश और वह एक- दूसरे को चाहते थे लेकिन आरोपी गिरीश मिश्रा ने उसके साथ जोर जबरदस्ती की और शादी का झांसा देकर एक मंदिर में ले जाकर दुष्कर्म किया। इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट/एडीजे द्वादश पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला। विचारण के दौरान आरोपी मुकेश मिश्रा के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर आरोपी मुकेश को बेकसूर बताया। वहीं गिरीश मिश्रा के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो व तर्को को पेश कर उसे बेकसूर साबित करने का प्रयास किया। उधर अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रवींद्र सिंह ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात साक्ष्य के अभाव में अदालत ने मुकेश मिश्रा को बरी कर दिया,वहीं आरोपी गिरीश मिश्रा को दोषी करार देते हुए अदालत ने 10 वर्ष के कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। तीसरा मामला कोतवाली कादीपुर क्षेत्र से जुड़ा है। जहां की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी जो की दसवीं की छात्रा रही। पीड़िता ने सात अगस्त 2021 को हुई घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक पीड़िता कभी-कभी अपने घर से पैसे चुरा लिया करती थी, घटना के दिन उसके घर से जब दो हजार रुपये नहीं मिले तो उसके पापा ने उसी पर शक किया और उसे डांटा। पिता की डांट खाकर लड़की गुस्सा होकर बाहर चली गई,जिसके बाद उसके चाचा आरोपी राजेश जायसवाल ने उसे फोन किया और उसे बाइक से सैफाबाद - प्रतापगढ़ ले गया। जहां पर कलयुगी चाचा ने अपनी भतीजी के साथ दुष्कर्म किया और उसे छोड़कर वहीं चला आया। फिलहाल जैसे-तैसे सवारी पकड़ कर पीड़िता घर वापस लौटी। पीड़िता के मुताबिक उसके चाचा ने घर पहुंचने पर उसे डाटा और वापस लौट जाने को कहा, उसके बाद पुलिस को सूचना देकर उसे थाने की पुलिस के सुपुर्द करवा दिया,फिलहाल बाद में पुलिस ने उसे घर पहुंचाया। आरोप के मुताबिक चाचा ने कहीं शिकायत करने पर उसे धमकी भी दी थी। इस मामले में आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और प्रकरण का विचारण स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला। मामले में अभियोजन पक्ष ने अपने साक्ष्यो व तर्को को पेश किया,वहीं बचाव के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर लगे आरोपों को निराधार बताया। इस मामले में पीड़िता व अभियोजन के अन्य गवाह घटना को साबित कर पाने में असफल रहें। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी चाचा राजेश जायसवाल को बरी कर दिया है।

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