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किशोरी का यौन शोषण कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी तीन सगे भाइयों को 10-10 वर्ष की कैद


सुलतानपुर सगे भाइयो के यौन शोषण व वैश्यावृत्ति कराने की धमकी देने भरे अत्याचार से परेशान होकर पीड़िता के जरिये खुद को आग के हवाले कर मौत को गले लगाने के मामले में एफटीसी द्वितीय की अदालत ने तीनों सगे भाइयों को दोषी करार दिया है। जज अभिषेक सिन्हा की अदालत ने तीनो सगे भाइयों को 10- 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 31- 31 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है,जबकि चौथे भाई के खिलाफ किशोर न्यायालय में केस चलने की जानकारी मिली है। मालूम हो कि कुड़वार थाना क्षेत्र के मंगापुर मजरे सरकौड़ा के रहने के रहने वाले आरोपी चार सगे भाइयों के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाते हुए नौ जून 2010 को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक करीब एक माह से उसकी पुत्री की तबीयत खराब चल रही थी, उसका चेहरा हमेशा उतरा-उतरा रहता था,अभियोगी के मुताबिक वह घटना के दिन पड़ोस के एक गांव में रामचरित मानस का पाठ पढ़ने गया था, उसी दौरान उसके पास उसकी 14 वर्षीय पुत्री की तबीयत खराब होने की सूचना आई ,सूचना पाते ही अभियोगी जब अपने घर पहुंचा तो पता चला कि उसकी पुत्री ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर लिया है। गांव वालों की मदद से अभियोगी ने आग बुझाने का काफी प्रयास किया लेकिन तब तक पीड़िता काफी झुलस चुकी थी, अभियोगी के मुताबिक उसकी पुत्री ने पूछने पर बताया कि सगे भाई सोनू,पप्पू उर्फ शकील,कलीम व अलीम करीब एक माह से उसका यौन शोषण कर रहे थे और विरोध करने पर उसके परिवार वालों को जान से मार डालने की धमकी दे रहे थे। आरोपियों के इस घिनौने अत्याचार को झेलने के बावजूद अपने परिवार के साथ कुछ गलत होने डर की वजह से पीड़िता अपना मुंह भी नहीं खोल पा रही थी, वह मानसिक रूप से काफी परेशान होने की वजह से तनाव में जिंदगी बिता रही थी। आरोप के मुताबिक आरोपी सोनू ने घटना के दिन पीड़िता से उसे बाहर भेजकर वैश्यावृत्ति का काम कराने की बात कही, इसी बात से परेशान होकर पीड़िता ने खुद को आग के हवाले कर लिया,नतीजतन उसकी जान चली गई। मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें विवेचक ने अपनी तफ्तीश पूरी कर आरोपी सोनू के किशोर होने के चलते उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया ,जबकि सगे भाई पप्पू उर्फ शकील, कलीम व अलीम के खिलाफ जिला न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हुआ। तीनों सगे भाइयों का विचारण एफटीसी द्वितीय की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने आरोपों को निराधार बताते हुए तीनों भाइयों को बेकसूर साबित करने का भरसक प्रयास किया। वहीं शासकीय अधिवक्ता संजय सिंह ने अभियोजन पक्ष से नौ गवाहो को पेश करते हुए आरोपियों को समाज पर एक धब्बा बताते हुए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा ने तीनों सगे भाइयों को 10- 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 93 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मिली जानकारी के मुताबिक चौथे  आरोपी के खिलाफ किशोर न्यायालय में ट्रायल चल रहा है।

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