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बेटे का शव कंधे पर ले जाने का मामला, बिजली विभाग के तीन अधिकारी सस्पेंड

 


लखनऊ प्रयागराज जिले में मानवता को झकझोर देने वाली घटना के तीन दिन बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। करंट की चपेट में आने से मृत बेटे का शव कंधे पर लेकर मीलों सफर करने के मामले में बिजली विभाग के पांच अधिकारियों पर गाज गिरी है। प्रकरण से संबंधित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्य अभियंता समेत दो अधिकारियों को चार्जशीट दी गई है। तो वहीं मामले में कुशल श्रमिक रामजियावान को हटा दिया गया है। मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा भी की गई है।  सभी पर संवादहीनता और लापरवाही का आरोप है। बताया जा रहा है कि लापरवाही के मामले में पहली बार किसी मुख्य अभियंता को चार्जशीट दी गई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक विद्याभूषण की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा है। अभी कई और अधिकारियों पर संबंधित प्रकरण में गाज गिर सकती है। मुख्य अभियंता विनोद कुमार गंगवार, अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को चार्जशीट दी गई है। अवर अभियंता आशीष, एसडीओ अमित गुप्ता, अधिशासी अभियंता अभिषेक कुमार को निलंबित कर दिया गया है। कुशल श्रमिक रामजियावान को हटा दिया गया है।
बेटे के शव को कंधे पर लाद 20 KM पैदल चला लाचार पिता

मामला

प्रयागराज के करछना थाना क्षेत्र के रामपुर उपरहार गांव निवासी मजदूर बजरंगी यादव का 10 वर्षीय पुत्र शुभम की बीते सोमवार को करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। खेलने के दौरान बिजली के खंभे में लगे स्टे तार को छूने से वह करंट की चपेट में आ गया था। अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। कहीं और से भी कोई मदद नहीं मिली।इसके बाद बजरंगी और उसकी पत्नी सविता बेटे का शव कंधे पर रख 20 किमी से अधिक दूरी पैदल तय कर अपने गांव तक गए। शव घर लाकर लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा किया।  इस मामले में बिजली विभाग के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी गई।इसी बीच कंधे पर बेटे का शव ले जाने का वीडियो वायरल हुआ तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को प्रकरण की जांच के बीच बिजली विभाग के चार अधिकारियों पर गाज गिर गई।  पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा भी की गई है।

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