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भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू

 


 नई दिल्ली द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमण ने उन्हें संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हाॅल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा- सभी भारतीयों की अपेक्षाओंए आकांक्षाओं और अधिकारों के प्रतीक, संसद में खड़े होकर मैं आप सभी का नम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करती हूं।

इस नई जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपका विश्वास और समर्थन मेरे लिए एक बड़ी ताकत होगी। मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया जो संसद के सेंट्रल हॉल में उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुएराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उसका कुछ अंश अंग्रेजी में पढ़ा इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू की स्वीकृति लेकर राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह का समापन हुआराष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मुझे इस बात की संतुष्टि है कि जो लोग वर्षों से विकास से वंचित थे–गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी- मुझे अपने प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं मेरे नामांकन के पीछे गरीबों का आशीर्वाद है यह करोड़ों महिलाओं के सपनों और क्षमताओं का प्रतिबिंब हैराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं हैयह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैंराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी।

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