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हाईकोर्ट से नाबालिग लड़की के पिता ने गर्भपात कराने की मांगी इजाजत


 पीड़िता नाबालिग लड़की के पिता ने एक रिश्तेदार के साथ संबंध में आने से गर्भवती हुई नाबालिग बेटी का इलाहाबाद हाईकोर्ट से गर्भपात कराने की इजाजत मांगी है। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य को निर्देशित करते हुए चार डॉक्टर्स का बोर्ड गठित कर लड़की का परीक्षण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफा में कोर्ट में प्रस्तुत किया जाय । मामले में मेरठ के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम को इस परीक्षण के कार्य में सम्बंधित अधिकारियों से तालमेल बनाकर काम करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने एसपी बागपत को भी पीड़िता व अन्य को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय ने नाबालिग लड़की के पिता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को पीड़िता तथा उसके पिता का नाम कहीं भी किसी से खुलासा न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इसे सार्वजनिक न किया जाए।कोर्ट ने मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से कहा है कि वह नाबालिग लड़की के परीक्षण के लिए स्त्रीरोग, मनोरोग, रेडियोलॉजी या सोनोलॉजी और बाल रोग विभाग के एक-एक चिकित्सकों के चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन करे और छह जून 2022 की सुबह 11 बजे नाबालिग लड़की का मेडिकल परीक्षण करे। कोर्ट ने याची को भी मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है। मेडिकल बोर्ड परीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश मेरठ को प्रस्तुत करेगा, जो इसे तुरंत हाईकोर्ट को प्रेषित करेगा। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को कुल चार चीजों पर परीक्षण करने का निर्देश दिया है। कहा है कि बोर्ड अपनी रिपोर्ट सात जून तक हाईकोर्ट के समक्ष प्रेषित कर दे। कोर्ट ने आदेश की कॉपी 24 घंटे के भीतर मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को मुहैया कराने को कहा है। जिससे कि आदेश का विधिवत पालन हो सके। रिपोर्ट आ जाने के बाद हाई कोर्ट 8 जून को इस केस की सुनवाई करेगी।मामले में नाबालिग लड़की का अपने एक रिश्तेदार से संबंध हो गया। लड़की ने अपने बयान में यह कहा है कि उसने रिश्तेदार से शादी कर ली है। सोनाग्राफी रिपोर्ट के मुताबिक उसे 16 सप्ताह और पांच दिन का गर्भ है। इसकी जानकारी होने पर नाबालिग लड़की के पिता ने रिश्तेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच के दौरान रिश्तेदार पर रेप का आरोप दर्ज किया है। उस पर पाक्सो एक्ट भी लगा है। पिता का कहना है कि इस घटना से उसकी बेटी और परिवार के अन्य सदस्य सदमें में है। नाबालिग होने के दौरान गर्भ होने से याची के जीवन के साथ-साथ उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी खतरा हो गया है। याची ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 की धारा तीन के तहत गर्भ समाप्त करने की अनुमति मांगी है। इस पर कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर पहले गर्भपात की स्थिति जाननी चाही है।

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