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जमीनी विवाद में दो पक्षों में हुई मारपीट,9 घायल 3 ट्रामा सेंटर रेफर


अमेठी जिले मे जमीनी विवाद में दबंगों ने आज फौजी के घर पर हमला बोल दिया। लाठी-डंडे की पिटाई में जवान, उसके पिता समेत 9 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए सुल्तानपुर भेजा गया। यहां तीन की हालत चिंताजनक देख डॉक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया है। मामला मसाफिरखाना कोतवाली अंतर्गत पूरे रामदत्त मिश्र दादरा गांव की है। गांव निवासी दीपक मिश्रा सरहद पर देश की रखवाली करता है। पीड़ित प्रदुम्न कुमार मिश्रा ने बताया कि आज सुबह जब वो और उसके भाई सेना के जवान दीपक मिश्रा घर के बाहर बैठ कर चाय पी रहे थे तो पड़ोस के बाबूलाल, चंद्रिका प्रसाद और इनके परिवार वालों ने बांका-फरसा आदि लेकर हम लोगो को चारों ओर से घेर लिया। उसने बताया कि भाई जो हमारे सेना में सूबेदार हैं दबंगों ने उनकी दो उंगली काट डाली। हाथ और गले पर भी हमला बोला। बताया जा रहा है कि कल थानाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को थाने पर बुलाकर डांट डपट कर बात खत्म की थी। घटना में सूबेदार दीपक मिश्रा, प्रदुम्न मिश्रा, पिता भागवत मिश्रा, मनीषा, सुभाष, पुष्कर, प्रिंस और विपक्षी बाबू लाल घायल हुए हैं। इन्हें पहले मुसाफिरखाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहा से डॉक्टर ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए सुल्तानपुर जिला अस्पताल भेजा। यहा गंभीर अवस्था में डॉक्टर ने दीपक मिश्रा, प्रदुम्न मिश्रा, पिता भागवत मिश्रा को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया है।दरअस्ल मामला यह है कि बाबूलाल, चंद्रिका प्रसाद दबंग किस्म  के व्यक्ति हैं। उन्हे हत्या के आरोप में सात साल की सजा भी कोर्ट द्वारा सुनाई गई है। सरहंगी के दम पर इन्होंने गाटा संख्या 1055,56 व गाटा संख्या 1271 क 1271 ख पर लैट्रिन मडहा सरिया, भुसैला आदि का निर्माण किया है। इस मामले में साल 2019 में राजस्व टीम द्वारा जांच में खलिहान पर कब्जा सही पाए जाने पर 52 हजार का जुर्माना भी किया गया था। उक्त लोगो ने न तो जुर्माना भरे न ही भूमि खाली किए। सेना के जवान दीपक मिश्रा ने इस संबंध में सोमवार को पिता को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया था कि बाबूलाल हम लोगों का रास्ता बंद कर दिए है। आए दिन धमकाते रहते है। अपने रसूख के बल पर लगभग पांच बीघे जमीन अवैध रूप से  कब्जा किए हुए है। मेरे घर वाले कई बार डायल 112 पर शिकायत के लिए कॉल किए बावजूद इसके अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। थाने से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायत करने के बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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