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डीएम ने रुकवाई नाबालिग की शादी


लखनऊ उन्नाव जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की की शादी की सूचना किसी ने जिलाधिकारी को फोन करके दे दी। जिस पर जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने पुलिस के साथ पहुंचकर शादी रुकवा दी। करीब एक घंटा गहमा-गहमी रहने के बाद परिजनों ने खुद ही शादी स्थगित करते हुए अपनी गलती मान ली। उन लोगों ने लड़की की शादी बाद में ही करने की बात कही। मौजूद बाल कल्याण के अधिकारियों ने नाबालिग को साथ लेकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया है। अब उसे जिला अस्पताल के वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।नाबालिग की शादी मवई गांव में एक लड़के के साथ तय हुई थी। शादी रुकने के बाद बाराती लौट गए। उन्नाव के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के पास सूचना है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव जगत खेड़ा में परिजनों द्वारा नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है। सूचना मिलते ही वो जिला प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव, बाल कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा, थाना एचटीयू प्रभारी अमर नाथ यादव समेत पुलिस बल के साथ शादी समारोह वाले घर पहुंचे। पुलिस को देखते ही परिजनों के होश उड़ गए। रेनू यादव ने परिजनों से लड़की की उम्र साबित करने वाले दस्तावेज मांगे। इस पर परिजनों ने तरह-तरह की दलील दी, लेकिन बात नहीं बनी।लड़की पढ़ी लिखी छात्रा है। परिजनों ने बेटी की उम्र के संबंध में कोई भी साक्ष्य नहीं पेश किये। इसके बाद मौजूद पुलिस व विभाग के लोगों ने शादी को वहीं रुकवा दी। नाबालिग को कानूनी प्रक्रिया के तहत साथ ले लिया है। जहां सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने शैक्षिक और उम्र के प्रमाण पत्र मांगे हैं। कानूनी प्रक्रिया के तहत उस नाबालिग को जिला अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। बारात मवई गांव से आनी थी, लेकिन बाल विवाह रोकने के बाद बारातियों को मना कर दिया गया।

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