ट्रेन से आधा शरीर कटा, बिना तड़पे लेटा रहा
लखनऊ उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोमवार शाम को एक रेलवे कर्मचारी ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। 23 बोगियां उसके ऊपर से गुजर गईं कमर के नीचे का आधा हिस्सा शरीर से अलग हो गया। फिर भी 10 मिनट तक वह ऐसे शांत रहा जैसे पटरी पर लेटा है। आंखों से आंसू निकल रहे थे, कुछ देर बाद धीरे-धीरे उसकी आंखें बंद हो गईं। बताया जा रहा है कि वह साले की शादी में जाने के लिए छुट्टी मांग रहा था, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली। जिस कारण उसने ऐसा कदम उठाया।घटना की सूचना पर पहुंचे जीआरपी सिपाहियों ने ट्रैकमैन के शव को कब्जे में ले लिया और मामले की जानकारी उसके परिवार को दी। पत्नी को सूचना मिलते ही वो बदहवास हो गई। रमेश यादव रेलवे में ट्रैकमैन के पद पर पनकी में कार्यरत थे। वह फजलगंज स्थित तेजाब मिल रेलवे कॉलोनी में रहता था। रमेश मूल रूप से भटपुरवा फतेहपुर का रहने वाला बताया जा रहा है। रमेश अपनी पत्नी व 5 साल के बेटे के साथ कानपुर में रहकर नौकरी करता था।परिजनों के मुताबिक रमेश के साले का मंगलवार को तिलक समारोह था और शादी 19 फरवरी को है। तिलक समारोह में जाने के लिए रमेश ने अपने इंचार्ज पीडब्ल्यूआई से छुट्टी मांगी थी। छुट्टी न मिलने की वजह से सोमवार को रमेश ने पनकी स्टेशन पर ट्रेन के सामने कूद कर जान दे दी।ट्रैकमैन रमेश यादव के दोस्तों ने बताया कि 2014 में उसके पिता धर्मपाल यादव के स्थान पर उसको नौकरी मिली थी। जिसके बाद वह फतेहपुर से अपने पत्नी व एक बेटे को लेकर तेजाब मिल रेलवे कॉलोनी में रहने लगा। परिजनों ने बताया कि रमेश यादव के ससुर रामचंद्र यादव भी रेलवे में थे। जो रमेश के पिता धर्मपाल यादव के दोस्त थे। दोनों फतेहपुर के ही रहने वाले थे। जिसके चलते उन्होंने अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल ली थी।
Post Comment
कोई टिप्पणी नहीं