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सपा प्रत्याशी का बसपा प्रेम इसौली में बोले ताहिर खान हाथी के सामने वाला दबा देना बटन, समझ आने दी सफाई


सुलतानपुर बसपा से समाजवादी पार्टी (सपा) में आए हुए पूर्व सांसद ताहिर खान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भले ही स्पाई हो गए हों लेकिन पुराने दल का मोह भंग नहीं हो रहा है। सपा ने उन्हें इस विधानसभा चुनाव में इसौली से प्रत्याशी बनाया है। क्षेत्र में नुक्कड़ सभा करते हुए उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि हाथी के सामने वाला बटन दबा देना।हालांकि ताहिर खान समझे कि यह तो चूक गई तो फौरन रुके और उन्होंने सफाई में कहा कि कहने का मतलब था जिस तरह 2004 के लोकसभा चुनाव में लाख वोट से जिताकर लोकसभा में भेजा था उसी तरह इस बार भी जिता देना। बता दें कि ताहिर खान 2004 में बसपा के टिकट पर सुल्तानपुर में सांसद बने थे 2009 में उन्हें शिकस्त मिली थी। इसके बाद 2012 में वो बसपा के ही टिकट पर सुल्तानपुर में विधानसभा चुनाव लड़े और रनर रहे। दरअस्ल 2004 के बाद से इनसे जुड़े लोग खासकर मुस्लिम वोटर उनके आचरण के चलते उनसे दूर होते गए। एक कारण उनकी हार का यह भी रहा कि क्षेत्र से ज्यादा उन्होंने अपना और परिवार का विकास किया। यही नहीं सांसद रहते हुए परिवार के सदस्यों का वर्चस्व ऐसा रहा कि अधिकतर परिवार के सदस्य ही सांसद बन गए थे। जिसको लोगो ने करीब से देखा और उनसे दूरी बनाई। यही नहीं मुस्लिम समुदाय के ही कई वर्गों के कार्यकमों में भी उन पर सत्ता की हनक दिखाने का आरोप लगा था। इस बार भी जब वो इसौली से चुनाव लड़ रहे तो अंदरुनी तौर पर उनका क्षेत्र में विरोध है। उन पर बाहरी प्रत्याशी होने का भी आरोप लगा है।

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