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कोर्ट ने तीन सगे भाइयों व बहनोई को गैर इरादतन हत्या में सुनाई दस-दस वर्ष की कैद एवं अर्थदंड की सजा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सुनाई सजा,दो लाख चालीस हजार रुपये का हुआ है अर्थदंड

करीब छह वर्ष पूर्व बकरी के जरिये चावल खा लेने के विवाद में शमीम पर हुआ था हमला,गम्भीर चोटों के चलते इलाज के दौरान चली गई थी जान

सुलतानपुर मामूली विवाद को लेकर हुए गैर इरादतन हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने तीन सगे भाइयों एवं उनके बहनोई को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। अदालत ने सभी दोषियों को 10-10 वर्ष के कारावास एवं कुल 2.40 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के पूरे जालिम मल्लाह मडवा गांव से जुड़ा है। जहां की रहने वाली परवीन बानो के मुताबिक 26 जून 2015 की शाम लगभग पांच बजे गांव के ही पीर मोहम्मद के लड़के चांद अली उसके भाई अशरफ अली एवं दामाद राजू निवासी भटगवाँ-गौरीगंज ने बकरी के जरिए उनका चावल खा लेने के विवाद में उसके पति शमीम को लाठी-डंडों से जमकर पीटा,जिससे उसे गंभीर चोटें आई और लखनऊ ट्रामा सेंटर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। जहां पर इलाज के दौरान शमीम की मृत्यु हो गई। इस मामले में अभियोगिनी की तहरीर पर तीन आरोपियों खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ,लेकिन तफ्तीश के दौरान तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवमुनि यादव की विवेचना में चांद अली व अशरफ के भाई सलमान की भी भूमिका पाई गई और उसके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले का विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला। जहां पर अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर एवं वादिनी के निजी अधिवक्ता अजीजुर्रहमान ने छह गवाहों को परीक्षित कराते हुए सभी आरोपियों को घटना का जिम्मेदार ठहराया और उन्हें कड़ी सजा से दंडित किये जाने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष ने भी दो गवाहों को पेश करते हुए  आरोपियों को बेकसूर बताया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अदालत ने बीते शुक्रवार को चारों आरोपियों को गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी करार दिया था, जिनकी सजा के बिंदु पर सोमवार को सुनवाई चली। न्यायाधीश संतोष राय ने तीनों सगे भाइयों व उनके बहनोई को 10-10 वर्ष के कारावास एवं 60-60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि का 90 प्रतिशत रकम प्रतिकर के रूप में मृतक की पत्नी के पक्ष में देने का भी आदेश पारित किया है।

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