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खाना नहीं था तो मां ने बेटी को जिंदा दफनाया, ग्रामीणों ने बेटी को बचाया


लखनऊएक मां ने अपनी दो साल की बच्ची को सिर्फ इसलिए जिंदा दफना दिया, क्योंकि वह उसको खाना नहीं दे पा रही थी। यह महिला गांव में अपनी दो बेटियों के साथ रह रही थी और पिछले कई दिनों से उनके खाने-पीने का सही इंतजाम नहीं था।महिला खुलकर गांव वालों को कुछ बता भी नहीं रही थी। ग्रामीणों को जैसे ही बच्ची को दफनाने की सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर बच्ची को बाहर निकाला। सुखद बात है कि बच्ची जीवित है और तीनों को चाइल्डलाइन की टीम को सौंप दिया गया है। बच्ची की मां बदहवास हालत में है, कुछ बता भी नहीं पा रही है।मामला हरदोई जिले के लोनार थाना सकरौली गांव का है। यहां के भगवानदीन की 2 वर्ष पहले मौत हो गई थी। भगवान दीन अपने पीछे तीन बच्चे और पत्नी को छोड़ गया था। भगवानदीन की मौत के बाद उसकी पत्नी एक बेटा और दो बेटियां गांव में मांगकर और कुछ छोटा मोटा काम करके गुजारा करने लगी। खाने पीने की व्यवस्था न देखकर भगवान दीन की बहन उसके बेटे को लेकर अपने साथ ले गई। यहां भगवान दीन की पत्नी और सात साल की बेटी नंदिनी और 3 साल की बेटी मधु रह गईं। जैसे तैसे इन तीनों का गुजारा चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके खाने का कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा था। महिला ने ग्रामीणों को भी अपनी समस्या नहीं बताई थी।गांव में कई दिनों तक खाना नहीं मिल पाने के कारण छोटी बच्ची कुपोषण का शिकार हो गई। वह कई दिनों से लगातार कमजोर होती चली जा रही थी। महिला के पास न तो दवा कराने के पैसे थे और न खाना ही खिलाने का इंतजाम था। ऐसे में बेबस मां ने मजबूर होकर गांव के नजदीक ही एक तालाब के पास गड्ढा खोदकर अपनी कुपोषित बच्ची को दफना दिया। इसी बीच किसी तरह गांव वाले मौके पर पहुंच गये व उन्होंने बच्ची को जिंदा बाहर निकाल लिया, चाइल्डलाइन को सूचना दी।जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राशन कार्ड में महिला का एक यूनिट दर्ज था वो खुद भी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और जमीनी हकीकत को वो खुद से भी जांच कर परख लेंगे। यदि कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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