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50 साल पुराने गर्भपात कानून में संशोधन की मंजूरी दे दी संसद ने


नई दिल्ली। संसद ने शुक्रवार को 50 साल पुराने गर्भपात कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब रेप, गैर-कानूनी यौन संबंध और नाबालिग के प्रेगनेंट होने के मामलों में 24 सप्ताह के भ्रूण का भी गर्भपात कराया जा सकेगा। अब यह लिमिट 20 सप्ताह की ही थी। इस संशोधन विधेयक को 16 मार्च को ही राज्यसभा ने पारित कर दिया था, जबकि शुक्रवार को लोकसभा ने भी इसे पारित कर दिया। इस बिल को लोकसभा से पिछले साल ही पारित कर दिया गया था, लेकिन राज्यसभा से एक बार संशोधन के साथ इसे निचले सदन में भेजा गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से इस बिल पर हस्ताक्षर करने के साथ ही रेप से प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अमेंडमेंट बिल 2020 के जरिए यौन उत्पीड़न की शिकार युवतियों को बड़ी राहत मिलेगी।दरअसल 1971 के इस कानून के तहत 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात कराना गैरकानूनी था। इससे ऐसी पीड़िताओं को राहत मिलेगी, जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हों। इसके अलावा रेप पीड़ित युवती की पहचान उजागर करने वाले डॉक्टर को भी एक साल तक की जेल हो सकेगी।

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