पीएम मोदी ने कहा,दुनिया जल्द कहेगी भारत लोकतंत्र की जननी है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की नई संसद भवन का शिलान्यास कर दिया है. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा आज का दिन बहुत ही एतिहासिक है. आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. पुराने संसद भवन ने आजादी के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा.पीएम मोदी ने कहा, 'हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारे देश ने उन आशंकाओं को न सिर्फ गलत साबित किया, बल्कि 21वीं सदी की दुनिया भारत को अहम लोकतांत्रिक ताकत के रूप में आगे बढ़ते देख रही है मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था. तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था.हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है. बीते सालों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया. कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है.सालों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस हो रही है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले. इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है.आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये आजाद भारत में बना है. आजादी के 75 साल का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है.भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है. भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है. भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है.हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है. हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है. ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है.राष्ट्र के विकास के लिए राज्य का विकास, राष्ट्र की मजबूती के लिए राज्य की मजबूती, राष्ट्र के कल्याण के लिए राज्य का कल्याण. इस मूलभूत सिद्धांत के साथ काम करने का हमें प्रण लेना है।
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