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लाल किले से पीएम मोदी ने दिया आत्मनिर्भर बनने का संदेश


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धयों के साथ-साथ भावी योजनाएं के बारे में बताया. पीएम मोदी का लाल किले से दिया गया भाषण..मेरे प्यारे देशवासियों,इस पावन पर्व पर, आप सभी को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं. अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे. एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है. कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ , एंबुलेंसकर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी अनेको लोग चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं.गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो. विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वहीं पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल फिनिश्ड प्रोडेक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा. भारत में सदैव इस बात में विश्वास किया है कि पूरी दुनिया एक परिवार है. जब हम इकॉनोमिक ग्रोथ और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो मानवता को इस प्रक्रिया और हमारी जर्नी में एक केंद्रीय भूमिका को बरकरार रखना चाहिए.मुझे पूरा विश्वास है कि भारत इस सपने को साकार करेगा. मुझे अपने साथी भारतीयों की क्षमताओं, आत्मविश्वास और क्षमता पर भरोसा है. एक बार जब हम कुछ करने की ठान लेते हैं तो तब तक हम आराम नहीं करते हैं जब तक हम उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते हैं.मुझे विश्वास है कि स्पेस सेक्टर को खोलने जैसे उपाय हमारे युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर पैदा करेंगे और उनके कौशल और क्षमता को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करेंगे.एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं.आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है. इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है.बीते वर्ष, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में एफडीआई में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है. वन नेशन- वन टैक्स, इनंसोल्वेंसी और बैंकक्रेप्सी, बैंकों का मर्जर आज देश की सच्चाई है.कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे. कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे.सिर्फ कुछ महीना पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है.आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी क्रिएटिविटी, हमारी स्किल्स को बढ़ाना भी है. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा.

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