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पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब- फेक नहीं थी मुठभेड़ विकास दुबे एनकाउंटर


नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी है कि जांच निष्पक्ष तरीके से करवाई जा रही है. 14 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर की तरह इस मामले की जांच के लिए भी आयोग बनाने की मंशा जताई थी. लेकिन यूपी सरकार ने कहा है कि यह मामला हैदराबाद केस से बिल्कुल अलग है. इसमें पुलिस की भूमिका असंदिग्ध है. यूपी सरकार ने भी नियमों का पूरा पालन किया है.कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यह मुठभेड़ फेक नहीं थी। पुलिस ने दुबे समेत उसके गुर्गों को मार गिराए जाने को लेकर कोर्ट में शुक्रवार को विस्तृत जवाब दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट के सामने विस्तृत जवाब दाखिल करते हुए यूपी पुलिस ने कहा कि एनकाउंटर सही थे। उन्हें फेक नहीं कहा जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। गांव में देर रात तक चले एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके कई साथी फरार हो गए थे। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने आठ दिनों के भीतर पांच एनकाउंटर करते हुए कई आरोपियों को ढेर कर दिया था। कई दिनों तक पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे को ढूंढने के बाद वह मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था। यूपी एसटीएफ वहां से दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी, तभी अगले दिन सुबह उसका एनकाउंटर हो गया। यूपी एसटीएफ ने दावा किया कि पुलिस की गाड़ी पलटने की वजह से दुबे भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से बंदूक छीन ली और फायरिंग भी की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुबे को ढेर कर दिया था।

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