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गांधी जी के लिए राष्ट्र प्रेम का अर्थ मानव प्रेम

सुलतानपुर । ' दुनिया भर के देशों में विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु गांधी चिंतन को आज बेहतर विकल्प के रुप में देखा जा रहा है ।'
यह बात राणा प्रताप पी.जी.कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने कही ।
श्री कुमार महाविद्यालय में ' क्या वर्तमान भारत गांधी जी के उम्मीदों का भारत है ?' विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्यवक्ता सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि -' गांधी पश्चिम की आधुनिक औद्योगिक सभ्यता की सम्यक आलोचना करते हुये भारत और भारतीयता को उसके अदम्य विकल्प के रुप में प्रस्तावित करते हैं ।
राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि गांधी जी के लिए राष्ट्र प्रेम का अर्थ मानव प्रेम था । '
प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया ।संचालन डॉ.प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने किया । इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में बी.ए.प्रथम वर्ष की आकांक्षा सिंह को प्रथम ,बी.एड.के अमर बहादुर को द्वितीय व बी.काम की वतुल किदवई को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ । प्रतियोगिता में सत्यम ,आकांक्षा पाण्डेय ,विनोद यादव ,परमेंद्र सिंह ,मारुत ,शिवानी ,शुभांगी , सीमा आदि छात्र छात्राओं ने भाग लिया ।
महाविद्यालय के पुस्तकालय भवन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा  आयोजित इस समारोह में गांधी मनोवृत्ति परीक्षण परीक्षा का भी आयोजन किया गया ।कार्यक्रम में डॉ.शैलेंद्र प्रताप सिंह , डॉ.अखिलेश सिंह डॉ.विवेक सिंह ,डॉ.नीतू सिंह समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे ।

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