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बच्चों को न खाने दें बुढ़िया के बाल , तमिलनाडु सरकार लगा चुकी बैन


लखनऊ बच्चों की पसंदीदा कॉटन कैंडी यानी बुढ़िया के बाल में खतरनाक केमिकल युक्त रंग पाए गए हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक हैं। इनसे कैंसर तक हो सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए सैंपल की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इसके अलावा लाल मिर्च पाउडर, चाऊमीन और समोसा-कचौरी के साथ खाई जाने वाली लाल चटनी भी असुरक्षित है। इनमें भी खतरनाक रंग पाए गए जो कैंसरकारक हो सकते हैं।खाद्य सुरक्षा विभाग ने महीने भर पहले  साहिबाबाद क्षेत्र से कॉटन कैंडी का सैंपल लिया था। इसे जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था।जिसकी रिपोर्ट दो दिन पहले आई है। रिपोर्ट के अनुसार कैंडी में जिन रंगों का इस्तेमाल किया गया, वह मानव सेवन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। सहायक आयुक्त खाद्य प्रभारी आशुतोष राय ने बताया कि इसमें सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल किया गया था जो मानकों के अनुरूप नहीं था। यह सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। इन दिनों शादी-पार्टी में भी कॉटन कैंडी के स्टॉल लगाए जा रहे हैं। स्थानीय विक्रेता भी मानकों का पालन नहीं करते।सिंथेटिक रंग व सूडान-2 जैसे केमिकल शरीर में धीरे-धीरे एकत्र होते हैं और कुछ वर्षों बाद कैंसर का कारक बनते हैं। अधिक मात्रा में इस्तेमाल किडनी व लीवर को खराब कर सकता है। कॉटन कैंडी में सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल अधिक होने से तमिलनाडु सरकार इसकी बिक्री पर रोक लगा चुकी है। 

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