CM योगी ने की देव दीपावली की तैयारियों पर समीक्षा बैठक
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि देव दीपावली काशी की सनातन परंपरा गंगा आराधना और लोकआस्था का अद्वितीय संगम है और यह पर्व भारत की उस अनादि परंपरा का सजीव प्रतीक है। जहां दीप केवल ज्योति नहीं बल्कि धर्म कर्तव्य और राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 नवंबर को वाराणसी में आयोजित होने वाली देव दीपावली-2025 की तैयारियों की विस्तारपूर्वक समीक्षा के लिए लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि काशी की देव दीपावली का आयोजन इस प्रकार किया जाए कि यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा और आध्यात्मिक चेतना का विश्व संदेश बने।मुख्यमंत्री योगी ने कहा देव दीपावली काशी की सनातन परंपरा गंगा आराधना और लोकआस्था का अद्वितीय संगम है।यह पर्व भारत की उस अनादि परंपरा का सजीव प्रतीक है जहां दीप केवल ज्योति नहीं बल्कि धर्म कर्तव्य और राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देव दीपावली से पूर्व 1 से 4 नवंबर तक आयोजित होने वाले गंगा महोत्सव और देव दीपावली के मुख्य आयोजन की सभी तैयारियां समयबद्ध, सुव्यवस्थित और उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए।घाटों की प्रकाश सज्जा, दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जन सहभागिता की तैयारियां इस प्रकार हों कि श्रद्धा, अनुशासन और सौंदर्य का संतुलन प्रदर्शित हो। मुख्यमंत्री योगी ने कहा गंगा तट पर दीपदान का दृश्य श्रद्धा और अनुशासन की मिसाल बने। इसके लिए घाटों पर भीड़ नियंत्रण सुरक्षा स्वच्छता और यातायात प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था या अवरोध न हो।मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग, नगर निगम, पुलिस, जल पुलिस, संस्कृति विभाग, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग और स्वास्थ्य विभागों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि वे अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें. घाटों, गलियों और प्रमुख मार्गों की सफाई और सजावट पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा प्रत्येक घाट पर पर्याप्त सफाईकर्मी तैनात रहें। मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे सक्रिय रहे और कमांड सेंटर से CCTV के जरिए निरंतर निगरानी की जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त शौचालय पेयजल व्यवस्था चिकित्सीय सहायता और प्राथमिक उपचार केंद्र उपलब्ध कराए जाएं।घाटों के समीप आपातकालीन नौका और एम्बुलेंस सेवाएं भी सुनिश्चित की जाएं।

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