ब्रेकिंग न्यूज

जेल में मना राखी का त्योहार ,सलाखों के बीच भी भाई-बहन के रिश्ते की डोर बनी अटूट


सुलतानपुर जिले  के पुरुष बंदी कारागार में रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही भावुक माहौल में मनाया गया। शनिवार सुबह से ही बहनें अपने भाइयों से मिलने और उनकी कलाई पर राखी बांधने के लिए जेल के बाहर पहुंच गईं।दूर-दराज से आई इन बहनों की आंखों में इंतज़ार की चमक साफ दिखाई दे रही थी। उनके दिल में अपने भाइयों के लिए दुआएं थीं। कुछ बहनों के हाथों में रंग-बिरंगी राखियां थीं। कुछ की थालियों में मिठाइयां सजी हुई थीं।

भीड़ में खड़ी रोशनी ने मुस्कुराते हुए बताया, "मैं अपने भाई के लिए राखी और मिठाई लाई हूं। बस उसे देखकर ये दिन सार्थक हो जाएगा।" वहीं रागिनी ने भावुक होकर कहा, "हमारा भाई-बहन का रिश्ता यूं ही बना रहे। मेरी उम्र भी मेरे भाई को लग जाए।"जिला कारागार के गेट पर पुलिस की मुस्तैदी भी देखने लायक थी। लेकिन माहौल में सुरक्षा से ज्यादा भाई-बहन के रिश्ते की गर्माहट महसूस की जा सकती थी। जेल की दीवारों के बीच भी राखी का रंग चढ़ा हुआ था।इस अवसर ने साबित कर दिया कि रिश्तों की डोर लोहे के दरवाजों और सलाखों से भी मजबूत होती है। कारागार की सीमाएं भी भाई-बहन के पवित्र बंधन को नहीं रोक पाईं।

कोई टिप्पणी नहीं